दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया

दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह की याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। सिंह, जो 2021 में गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में छह पुलिसकर्मियों में से एक हैं, 45 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग कर रहे हैं ताकि वे विभागीय कार्यवाही में भाग ले सकें और उसका मुकाबला कर सकें।

मामले का विवरण

न्यायमूर्ति अमित महाजन ने नोटिस जारी किया और 1 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित की है। सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील कनहैया सिंघल ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल को सेवा से बर्खास्तगी से बचने के लिए गोरखपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के समक्ष अनुशासनात्मक कार्यवाही में भाग लेना आवश्यक है। याचिकाकर्ता को विभिन्न तिथियों पर इन कार्यवाहियों में भाग लेने के लिए कई नोटिस प्राप्त हुए हैं, लेकिन उनकी पिछली जमानत याचिका खारिज होने के कारण वे ऐसा नहीं कर सके।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला मनीष गुप्ता की कथित हत्या से संबंधित है, जो सितंबर 2021 में अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर गए थे। गुप्ता और उनके दोस्तों को कथित तौर पर एक पुलिस पार्टी द्वारा पीटा गया था, जिससे गुप्ता की मृत्यु हो गई। सीबीआई ने नवंबर 2021 में जांच अपने हाथ में ली और मामले में कई पुलिस अधिकारियों को आरोपी के रूप में पहचाना।

Doubts Revealed


दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय एक बड़ा भवन है जहाँ न्यायाधीश काम करते हैं। वे दिल्ली में कानूनों और लोगों के अधिकारों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।

सीबीआई -: सीबीआई का मतलब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन है। यह भारत में एक विशेष पुलिस टीम की तरह है जो बहुत महत्वपूर्ण और गंभीर मामलों की जांच करती है।

इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह -: इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह एक पुलिस अधिकारी हैं। वे कुछ महत्वपूर्ण कार्य बैठकों में भाग लेने के लिए जेल से थोड़े समय के लिए बाहर जाने की अनुमति मांग रहे हैं।

जमानत याचिका -: जमानत याचिका तब होती है जब जेल में कोई व्यक्ति अदालत से थोड़े समय के लिए बाहर जाने की अनुमति मांगता है। वे वादा करते हैं कि जब अदालत उन्हें बुलाएगी तो वे वापस आएंगे।

अंतरिम जमानत -: अंतरिम जमानत का मतलब है थोड़े समय के लिए जेल से बाहर जाने की अस्थायी अनुमति। यह विशेष कारणों के लिए दी जाती है।

विभागीय कार्यवाही -: विभागीय कार्यवाही कार्यस्थल पर आधिकारिक बैठकें या जांच होती हैं। वे जांचते हैं कि क्या किसी ने अपने काम में कुछ गलत किया है।

मनीष गुप्ता -: मनीष गुप्ता एक व्यवसायी थे जिनकी 2021 में दुखद मृत्यु हो गई थी। पुलिस उनकी मृत्यु की जांच कर रही है कि क्या हुआ था।

गोरखपुर -: गोरखपुर उत्तर प्रदेश, भारत का एक शहर है। यह अपने मंदिरों और ऐतिहासिक स्थानों के लिए जाना जाता है।

सुनवाई -: सुनवाई अदालत में एक बैठक होती है जहाँ लोग एक मामले के बारे में बात करते हैं। न्यायाधीश सभी की सुनता है और फिर एक निर्णय लेता है।

सेवा से बर्खास्तगी -: सेवा से बर्खास्तगी का मतलब है अपनी नौकरी खोना। यदि किसी को बर्खास्त किया जाता है, तो वे अब अपने काम पर काम करने की अनुमति नहीं रखते।

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