दिल्ली हाई कोर्ट ने अंकित गुज्जर हत्या मामले में नरेंद्र मीणा की जमानत याचिका खारिज की
दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में अंकित गुज्जर की हत्या के आरोपी पूर्व उप जेल अधीक्षक नरेंद्र मीणा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोप है कि अगस्त 2021 में जेल अधिकारियों द्वारा मांगी गई वसूली राशि न देने पर अंकित की पिटाई कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
मामले का विवरण
नरेंद्र मीणा ने सीबीआई मामले में नियमित जमानत मांगी थी, जो 10 सितंबर 2021 को हत्या और चोट पहुंचाने से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, “अपराधों की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए, और गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को देखते हुए, जमानत के लिए कोई आधार नहीं है। इसलिए, वर्तमान जमानत याचिका खारिज की जाती है।”
कोर्ट ने नोट किया कि अंकित गुज्जर, जो एक विचाराधीन कैदी था, न्यायिक हिरासत में मारा गया था, और पोस्टमॉर्टम में उसके शरीर पर कई पूर्व-मृत्यु चोटें पाई गईं। ट्रायल कोर्ट ने देखा कि याचिकाकर्ता ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की थी, और समाज के बड़े हित को आरोपी की स्वतंत्रता पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सीबीआई द्वारा किसी भी ट्रायल में देरी का कोई सबूत नहीं था।
पृष्ठभूमि
यह मामला 9 अगस्त 2021 को हरि नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर से उत्पन्न हुआ था, जो अंकित गुज्जर की हत्या के बाद तिस हजारी कोर्ट के आदेश पर उसकी मां गीता देवी द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित था। आरोप था कि 3 अगस्त 2021 को नरेंद्र मीणा और अन्य जेल अधिकारियों ने अंकित गुज्जर को बेरहमी से पीटा और उसे चिकित्सा सहायता से वंचित कर दिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। याचिकाकर्ता और अन्य अधिकारी गुज्जर को उसके रिश्तेदारों से पैसे वसूलने के लिए परेशान कर रहे थे।
अंकित के परिवार ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जांच को दिल्ली पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग की, जिसे 8 सितंबर 2021 को मंजूरी दी गई। इसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। 1 जुलाई 2022 को मीणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, और 13 सितंबर 2022 को मीणा सहित छह व्यक्तियों के खिलाफ एक पूरक चार्जशीट दाखिल की गई।
वसूली का विवरण
सीबीआई चार्जशीट के अनुसार, जून 2021 में, मीणा ने अंकित गुज्जर से मोबाइल फोन के उपयोग की अनुमति देने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी। सौदा 2.25 लाख रुपये में तय हुआ, जिसमें से 2 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। बाद में अंकित ने शेष 25,000 रुपये देने से इनकार कर दिया, जिससे मीणा और दो अन्य कैदियों, गुरजीत उर्फ बॉबी और गुरप्रीत उर्फ बादल द्वारा उसे और अधिक परेशान किया गया।
Doubts Revealed
दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली, भारत में एक बड़ा न्यायालय है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।
जमानत -: जमानत वह होती है जब कोई व्यक्ति जो जेल में है, उसे अपने मुकदमे का इंतजार करते समय घर जाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन उसे अदालत में वापस आने का वादा करना होता है।
नरेंद्र मीणा -: नरेंद्र मीणा एक व्यक्ति है जो पहले उप जेल अधीक्षक के रूप में काम करता था और उस पर हत्या में शामिल होने का आरोप है।
अंकित गुर्जर -: अंकित गुर्जर एक व्यक्ति था जो तिहाड़ जेल में था और वहाँ कथित रूप से मारा गया था।
तिहाड़ जेल -: तिहाड़ जेल दिल्ली, भारत में एक बहुत बड़ी और प्रसिद्ध जेल है।
वसूली -: वसूली वह होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को धमकी देकर उससे पैसे लेने के लिए मजबूर करता है।
सीबीआई -: सीबीआई का मतलब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन है, जो भारत में एक विशेष पुलिस बल है जो बहुत महत्वपूर्ण मामलों को संभालता है।
गवाह से छेड़छाड़ -: गवाह से छेड़छाड़ वह होती है जब कोई व्यक्ति उन लोगों को डराने या प्रभावित करने की कोशिश करता है जो अदालत में सच बोलने वाले होते हैं।