सत्येंद्र जैन की जमानत पर कोर्ट का फैसला 15 अक्टूबर को होगा

सत्येंद्र जैन की जमानत पर कोर्ट का फैसला 15 अक्टूबर को होगा

सत्येंद्र जैन की जमानत पर कोर्ट का फैसला सुरक्षित

5 अक्टूबर को नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा। यह फैसला 15 अक्टूबर को सुनाया जाएगा।

प्रस्तुत तर्क

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। सत्येंद्र जैन के बचाव पक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और अधिवक्ता विवेक जैन के नेतृत्व में, ने तर्क दिया कि जैन न तो भागने का जोखिम हैं और न ही गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) 2017 में दर्ज की गई थी, लेकिन अभियोजन शिकायत 2022 में ही दर्ज की गई।

बचाव पक्ष ने एक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि अनुसूचित अपराध के लिए मुकदमा ECIR से पहले पूरा होना चाहिए। उन्होंने अपराध की आय (POC) की राशि में विसंगतियों की ओर इशारा किया, यह तर्क देते हुए कि ED को केवल CBI द्वारा निर्दिष्ट राशि की जांच करनी चाहिए।

लंबी हिरासत और कानूनी मिसालें

जैन के वकील ने बिना मुकदमे के 18 महीने से अधिक की लंबी हिरासत पर जोर दिया, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए, जो जीवन के अधिकार की गारंटी देता है। उन्होंने जैन की स्थिति की तुलना अन्य मामलों से की, जहां कम हिरासत अवधि के बाद जमानत दी गई थी।

प्रवर्तन निदेशालय का विरोध

ED के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने जमानत याचिका का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि मुकदमे में देरी आरोपी द्वारा की गई थी, जिन्होंने कई बार स्थगन मांगा। हुसैन ने कहा कि ED अभी भी मामले की जांच कर रही है, जिसमें 4.81 करोड़ रुपये अपराध की आय के रूप में पहचाने गए हैं।

कोर्ट 15 अक्टूबर को जमानत याचिका पर फैसला करेगा, दोनों पक्षों के तर्कों पर विचार करते हुए।

Doubts Revealed


राउस एवेन्यू कोर्ट -: राउस एवेन्यू कोर्ट नई दिल्ली, भारत में एक विशेष अदालत है, जहाँ कुछ महत्वपूर्ण मामले, जैसे भ्रष्टाचार या मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले, सुने जाते हैं।

जमानत -: जमानत तब होती है जब कोई व्यक्ति जो जेल में है, उसे अपने मुकदमे तक घर जाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन उसे पैसे देने पड़ सकते हैं या कुछ नियमों का पालन करना पड़ सकता है ताकि वह मुकदमे के लिए वापस आए।

सत्येंद्र जैन -: सत्येंद्र जैन एक राजनेता हैं जो दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे, जिसका मतलब है कि वह शहर में स्वास्थ्य से संबंधित मामलों के लिए जिम्मेदार थे।

मनी लॉन्ड्रिंग -: मनी लॉन्ड्रिंग तब होती है जब लोग यह छिपाने की कोशिश करते हैं कि पैसा वास्तव में कहाँ से आया है, खासकर अगर यह अवैध तरीकों से कमाया गया हो, ताकि यह दिख सके कि यह कानूनी रूप से कमाया गया था।

अनुच्छेद 21 -: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 एक कानून है जो कहता है कि हर किसी को जीने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है, जिसका मतलब है कि उन्हें निष्पक्ष और न्यायपूर्ण तरीके से व्यवहार किया जाना चाहिए।

प्रवर्तन निदेशालय -: प्रवर्तन निदेशालय भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो वित्तीय अपराधों, जैसे मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग कानून का पालन करें।

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