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दिल्ली कोर्ट ने 2003 के अपहरण मामले में आरोपियों को बरी किया

दिल्ली कोर्ट ने 2003 के अपहरण मामले में आरोपियों को बरी किया

दिल्ली कोर्ट ने 2003 के अपहरण मामले में आरोपियों को बरी किया

मामले की पृष्ठभूमि

अप्रैल 2003 में, नीरा राडिया के बेटे करन राडिया का कथित रूप से अपहरण हुआ था। उस समय वह 18 वर्ष के थे और उन्होंने कैद से भागने में सफलता पाई। यह घटना वसंत विहार से गुरुग्राम और फिर रेवाड़ी तक ले जाने की थी।

कोर्ट का निर्णय

हाल ही में, दिल्ली के साकेत कोर्ट ने धीरज सिंह और विजय कुमार को अपहरण के आरोप से बरी कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में विफल रहा। आरोपों में अपहरण, हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश शामिल थे।

घटना का विवरण

करन राडिया ने गवाही दी कि धीरज सिंह ने उन्हें गुड़गांव में एक कार्यालय दिखाने के बहाने अपहरण किया। उन्हें बांध दिया गया, उनका चेहरा ढक दिया गया और कार के बूट में रेवाड़ी ले जाया गया, जहां से वे भाग निकले। विजय कुमार भी प्रारंभिक अपहरण के दौरान मौजूद थे।

जांच और कोर्ट की टिप्पणियाँ

कोर्ट ने नोट किया कि करन और धीरज एक-दूसरे को जानते थे और नीरा राडिया और धीरज के बीच व्यापारिक विवाद था। पुलिस के पास कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई थी और क्राइम ब्रांच ने बिना औपचारिक आदेश के जांच की। कोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी और सबूतों को संदिग्ध पाया।

Doubts Revealed


दिल्ली कोर्ट -: दिल्ली कोर्ट एक स्थान है जहाँ कानूनी मामलों की सुनवाई और निर्णय दिल्ली, भारत की राजधानी में होते हैं। यहाँ न्यायाधीश कानून के आधार पर निर्णय लेते हैं।

बरी -: बरी करने का मतलब है किसी को अपराध का दोषी न ठहराना। इसका मतलब है कि अदालत ने निर्णय लिया है कि व्यक्ति ने वह अपराध नहीं किया जिसके लिए उसे आरोपित किया गया था।

2003 अपहरण मामला -: यह 2003 के एक कानूनी मामले को संदर्भित करता है जहाँ किसी पर अपहरण या अवैध रूप से किसी को ले जाने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में, यह करन राडिया के अपहरण के बारे में था।

नीरा राडिया -: नीरा राडिया भारत में एक प्रसिद्ध व्यवसायी हैं। वह कॉर्पोरेट जगत में अपनी भागीदारी और कुछ विवादों के लिए प्रसिद्ध हुईं।

साकेत कोर्ट -: साकेत कोर्ट दिल्ली के साकेत क्षेत्र में स्थित एक विशेष अदालत है। यह उन जिला अदालतों में से एक है जहाँ विभिन्न कानूनी मामलों की सुनवाई होती है।

अभियोजन -: अभियोजन उस कानूनी टीम को संदर्भित करता है जो अदालत में किसी को अपराध का दोषी साबित करने की कोशिश करती है। वे आरोपी के खिलाफ सबूत और तर्क प्रस्तुत करते हैं।

हत्या का प्रयास -: हत्या का प्रयास एक गंभीर अपराध है जहाँ कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को मारने की कोशिश करता है लेकिन सफल नहीं होता। इसे कानून में एक बहुत गंभीर अपराध माना जाता है।

षड्यंत्र -: षड्यंत्र का मतलब है दो या अधिक लोगों द्वारा कुछ हानिकारक या अवैध करने की गुप्त योजना बनाना। कानूनी शब्दों में, यह एक साथ अपराध की योजना बनाना शामिल है।

गवाही दी -: गवाही देने का मतलब है अदालत में बयान या सबूत देना। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति अदालत को बताता है कि वह मामले के बारे में क्या जानता है।

औपचारिक शिकायत -: औपचारिक शिकायत एक अपराध या गलत काम के बारे में अधिकारियों को की गई आधिकारिक रिपोर्ट है। यह आमतौर पर लिखित होती है और जांच शुरू करने के लिए दायर की जाती है।
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