दिल्ली कोर्ट ने 2020 गोकुलपुरी दंगे के मामले में 10 आरोपियों को बरी किया

दिल्ली कोर्ट ने 2020 गोकुलपुरी दंगे के मामले में 10 आरोपियों को बरी किया

दिल्ली कोर्ट ने 2020 गोकुलपुरी दंगे के मामले में 10 आरोपियों को बरी किया

नई दिल्ली, भारत – 12 सितंबर को, दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दंगे के आरोप में गिरफ्तार दस व्यक्तियों को बरी कर दिया। यह मामला गोकुलपुरी में दर्ज एक एफआईआर पर आधारित था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने पाया कि आरोपियों के खिलाफ आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए।

मामले का विवरण

आरोपियों, मोहम्मद शहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल, राशिद उर्फ मोनू, और मोहम्मद ताहिर पर भारतीय दंड संहिता के तहत विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया गया था, जिनमें दंगा, आगजनी और चोरी शामिल हैं।

शिकायतकर्ता के आरोप

शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार के अनुसार, 1 मार्च 2020 को लगभग 1500 दंगाइयों ने घातक हथियारों से लैस होकर उनकी संपत्ति के भूतल पर स्थित एक पिज्जा दुकान को तोड़फोड़ किया। बाद में, 50-60 दंगाइयों ने उनके परिवार को धमकाया और सोना, चांदी और नकदी सहित कीमती सामान लूट लिया। उन्होंने फर्नीचर और दस्तावेजों को भी आग लगा दी।

जांच और चार्जशीट

जांच के बाद, 14 जुलाई 2020 को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। पूरक चार्जशीट 9 जनवरी 2023 और 25 सितंबर 2023 को दाखिल की गई। हालांकि, कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि कुछ शिकायतों को इस मामले के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।

न्यायाधीश प्रमाचला ने कहा, “मुझे लगता है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं। इसलिए, आरोपी मोहम्मद शहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल, राशिद उर्फ मोनू, और मोहम्मद ताहिर को संदेह का लाभ दिया जाता है और उन्हें इस मामले में लगाए गए सभी आरोपों से बरी किया जाता है।”

Doubts Revealed


दिल्ली कोर्ट -: दिल्ली कोर्ट एक जगह है जहाँ कानूनी मामलों की सुनवाई और निर्णय दिल्ली, भारत की राजधानी में होते हैं।

बरी -: बरी का मतलब है कि अदालत ने फैसला किया है कि जिन लोगों पर अपराध का आरोप था, वे दोषी नहीं हैं और उन्हें रिहा कर दिया गया है।

आरोपी -: आरोपी उन लोगों को संदर्भित करता है जिनके बारे में सोचा गया था कि उन्होंने कुछ गलत या अवैध किया है।

2020 गोकुलपुरी दंगा मामला -: यह 2020 की एक विशिष्ट घटना को संदर्भित करता है जहाँ दिल्ली के गोकुलपुरी क्षेत्र में बहुत अधिक अव्यवस्था और हिंसा हुई थी।

कड़कड़डूमा कोर्ट -: कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली का एक विशिष्ट कोर्ट है जहाँ कानूनी मामलों की सुनवाई और निर्णय होते हैं।

दंगा -: दंगा का मतलब है लोगों की भीड़ द्वारा हिंसक अशांति।

अपर्याप्त सबूत -: अपर्याप्त सबूत का मतलब है कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त प्रमाण नहीं थे कि आरोपियों ने कुछ गलत किया।

चार्जशीट -: चार्जशीट आधिकारिक दस्तावेज होते हैं जो सूचीबद्ध करते हैं कि किसी पर कौन से अपराध का आरोप है।

संदेह से परे साबित नहीं -: इसका मतलब है कि अदालत पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं थी कि आरोपियों ने अपराध किया है, इसलिए उन्हें रिहा कर दिया गया।

शिकायतकर्ता -: शिकायतकर्ता वह व्यक्ति होता है जो कहता है कि उसके साथ कुछ गलत या अवैध हुआ है।

विनाश -: विनाश का मतलब है जानबूझकर संपत्ति को नुकसान पहुँचाना या नष्ट करना।

लूट -: लूट का मतलब है चीजों को चुराना, आमतौर पर अराजकता के समय।

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