भारत के रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए

भारत के रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए

भारत के रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भरता’ के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए

भारत के रक्षा मंत्रालय ने उन्नत तकनीक में क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) के माध्यम से 300 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत DRDO द्वारा प्रबंधित TDF, भारतीय उद्योगों, जिसमें MSMEs और स्टार्टअप्स शामिल हैं, को रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास में समर्थन करता है।

मुख्य परियोजनाएं और नवाचार

इस पहल से कई सफल परियोजनाएं उभरी हैं:

  • कॉम्बैट रोबोटिक्स: इस पुणे स्थित स्टार्टअप ने मानव रहित वाहनों के लिए एक अभिनव सिम्युलेटर विकसित किया है, जो स्वायत्त प्रणालियों के विकास में सहायक है।
  • ChiStats Labs Private Limited: एक और पुणे स्थित स्टार्टअप, ChiStats Labs, एआई/एमएल तकनीकों का उपयोग करके एयरो गैस टरबाइन इंजन स्वास्थ्य निगरानी के लिए वर्चुअल सेंसर पर काम कर रहा है।
  • NewSpace Research and Technologies Pvt. Ltd.: बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने इनडोर खोज और बचाव अभियानों के लिए एक स्वायत्त ड्रोन बनाया है, जो शून्य प्रकाश स्थितियों में भी काम करने में सक्षम है।

ये परियोजनाएं रक्षा प्रौद्योगिकी में डिजाइन और विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय के प्रयासों को उजागर करती हैं, जिसका उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकी में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करना है।

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