बिटकनेक्ट कॉइन मामले में ईडी ने 47.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

बिटकनेक्ट कॉइन मामले में ईडी ने 47.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

बिटकनेक्ट कॉइन मामले में ईडी ने 47.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिटकनेक्ट कॉइन क्रिप्टोकरेंसी मामले में 47.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ये संपत्तियां अपराध की आय मानी गई हैं और इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत अटैच किया गया है।

मामले की पृष्ठभूमि

जांच की शुरुआत सूरत पुलिस की रिपोर्ट के बाद हुई, जिसमें दिव्येश दरजी, सतीश कुंभानी और शैलेश भट्ट सहित अन्य व्यक्तियों के खिलाफ शिकायतें थीं। नवंबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच, बिटकनेक्ट कॉइन के प्रमोटर सतीश कुंभानी ने उच्च रिटर्न के वादे के साथ निवेश आकर्षित करने के लिए एक वैश्विक नेटवर्क बनाया।

धोखाधड़ी गतिविधियों का खुलासा

जांच में पता चला कि कुंभानी और उनके सहयोगियों ने धोखाधड़ी योजनाओं के माध्यम से बड़े निवेश जुटाए, जिससे निवेशकों को धोखा दिया गया। इसके अलावा, शैलेश भट्ट और उनके सहयोगियों ने कुंभानी के दो सहयोगियों का अपहरण कर इन फंडों का हिस्सा वसूला।

कानूनी कार्रवाई

ईडी ने पाया कि संपत्तियां वैध आय से नहीं, बल्कि आपराधिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप अर्जित की गई थीं। इससे पहले, ईडी ने इस मामले में 488 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी। शैलेश भट्ट को 13 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ विशेष अदालत (पीएमएलए), अहमदाबाद में अभियोजन शिकायत दर्ज की गई है। भट्ट न्यायिक हिरासत में हैं।

Doubts Revealed


ईडी -: ईडी का मतलब प्रवर्तन निदेशालय है। यह भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी जैसे वित्तीय अपराधों की जांच करती है।

बिटकनेक्ट कॉइन -: बिटकनेक्ट कॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी थी। यह एक घोटाले में शामिल थी जहां लोगों को उच्च रिटर्न के झूठे वादों के साथ पैसे निवेश करने के लिए धोखा दिया गया था।

₹ 47.70 करोड़ -: ₹ 47.70 करोड़ भारतीय मुद्रा में एक बड़ी राशि है, जो 477 मिलियन रुपये के बराबर है।

अपराध की आय -: अपराध की आय का मतलब अवैध गतिविधियों से प्राप्त धन या संपत्ति है। इस मामले में, इसका मतलब है कि संपत्तियां घोटाले से प्राप्त धन का उपयोग करके खरीदी गई थीं।

मनी-लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम -: मनी-लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम भारत में एक कानून है जो मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में मदद करता है। मनी लॉन्ड्रिंग वह प्रक्रिया है जब लोग अवैध गतिविधियों से प्राप्त धन को छिपाने की कोशिश करते हैं।

सूरत पुलिस -: सूरत पुलिस गुजरात राज्य के भारतीय शहर सूरत में पुलिस विभाग है। वे शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करते हैं।

सतीश कुंभानी -: सतीश कुंभानी बिटकनेक्ट कॉइन घोटाले में शामिल व्यक्ति हैं। उन्होंने और उनके सहयोगियों ने लोगों को अपनी धोखाधड़ी योजनाओं में पैसे निवेश करने के लिए धोखा दिया।

शैलेश भट्ट -: शैलेश भट्ट इस मामले में शामिल एक और व्यक्ति हैं। उन्होंने घोटाले से कुछ पैसे अवैध रूप से लिए और अब पुलिस हिरासत में हैं।

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