साकेत, दिल्ली में अवैध पार्किंग पर एसीबी कोर्ट ने उठाए सवाल

साकेत, दिल्ली में अवैध पार्किंग पर एसीबी कोर्ट ने उठाए सवाल

साकेत, दिल्ली में अवैध पार्किंग पर एसीबी कोर्ट ने उठाए सवाल

नई दिल्ली में एक विशेष एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) कोर्ट ने साकेत, दक्षिण दिल्ली में एक कथित अवैध पार्किंग मामले की जांच पर असंतोष व्यक्त किया है। कोर्ट ने नोट किया कि जांच अधिकारी (आईओ) ने केवल एक अधिकारी की जांच की अनुमति मांगी, जबकि इसमें कई सार्वजनिक सेवकों, जिनमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, के खिलाफ आरोप हैं।

अवैध पार्किंग और उगाही के आरोप

यह मामला वकील विकास बक्शी की शिकायत से जुड़ा है, जिन्होंने दावा किया कि पार्किंग लाइसेंस रद्द होने के बावजूद साकेत में अवैध पार्किंग संचालन जारी रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्किंग माफिया, पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों के साथ मिलकर जनता से पैसे उगाहते थे।

कोर्ट की टिप्पणियाँ

विशेष न्यायाधीश आशीष अग्रवाल ने एसीबी की आलोचना की कि एमसीडी अधिकारियों ने जमीन को पुनः प्राप्त करने या पार्किंग स्थल को पुनः आवंटित करने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि एमसीडी को बकाया राशि वसूलने के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं किए गए और एक अधूरी पते वाली इकाई को आवंटन क्यों किया गया।

कोर्ट ने यह भी जांच की कमी पर ध्यान दिया कि अवैध गतिविधियों को जारी रखने के लिए पैसे का आदान-प्रदान हुआ या नहीं। न्यायाधीश ने एसीबी के प्रयासों को ‘असंतोषजनक’ बताया और अन्य शामिल अधिकारियों की जांच की अनुमति मांगने की योजना पर एक रिपोर्ट का आदेश दिया।

अगले कदम

मामले की सुनवाई 29 सितंबर को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि आदेश की एक प्रति दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को भेजी जाए ताकि एसीबी की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जा सके और मामले में सक्षम और इच्छुक व्यक्तियों को नियुक्त किया जा सके।

शिकायत का विवरण

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एमसीडी ने साकेत के सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल के पीछे 4-5 एकड़ जमीन पर पार्किंग अधिकार मि. संजय कुमार टेक्नोक्रेट प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किए थे। आवंटन रद्द होने और बकाया राशि के बावजूद, पार्किंग स्थल का संचालन जारी रहा। 27 सितंबर, 2023 को पार्किंग माफिया और कंपनी के खिलाफ उगाही और धमकी के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी।

शिकायत में कई अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार, अतिरिक्त आयुक्त विकास त्रिपाठी, उप आयुक्त अमित कुमार, और प्रशासनिक अधिकारी विनोद कुमार शामिल हैं, जो पार्किंग माफिया के साथ मिलीभगत और रिश्वत लेने के आरोप में शामिल हैं। इस कथित भ्रष्टाचार के कारण सरकार को लगभग 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

Doubts Revealed


एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) -: एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) एक विशेष पुलिस इकाई है जो भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है, जहां लोग व्यक्तिगत लाभ के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं।

अवैध पार्किंग -: अवैध पार्किंग का मतलब है उन जगहों पर वाहन पार्क करना जहां इसकी अनुमति नहीं है, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

साकेत -: साकेत दक्षिण दिल्ली, भारत का एक पड़ोस है, जो अपने आवासीय क्षेत्रों और शॉपिंग मॉल्स के लिए जाना जाता है।

जांच अधिकारी -: जांच अधिकारी एक पुलिस अधिकारी होता है जो अपराधों की जांच करता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हुआ और कौन जिम्मेदार है।

लोक सेवक -: लोक सेवक वे लोग होते हैं जो सरकार के लिए काम करते हैं, जैसे पुलिस अधिकारी और नगरपालिका कर्मचारी।

वकील -: वकील एक ऐसा व्यक्ति होता है जो लोगों को कानूनी मुद्दों में मदद करता है और अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करता है।

पार्किंग माफिया -: पार्किंग माफिया उन समूहों को संदर्भित करता है जो अवैध रूप से पार्किंग स्थानों को नियंत्रित करते हैं और बिना अनुमति के ड्राइवरों से पैसे वसूलते हैं।

एमसीडी अधिकारी -: एमसीडी अधिकारी वे लोग होते हैं जो दिल्ली नगर निगम के लिए काम करते हैं, जो स्थानीय सेवाओं जैसे सड़कों की सफाई और पार्किंग प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं।

साठगांठ -: साठगांठ का मतलब है लोगों के बीच गुप्त सहयोग करना ताकि कुछ अवैध या बेईमान काम किया जा सके।

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