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झारखंड मंत्री बन्ना गुप्ता ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की आलोचना की

झारखंड मंत्री बन्ना गुप्ता ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की आलोचना की

झारखंड मंत्री बन्ना गुप्ता ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की आलोचना की

रांची (झारखंड) [भारत], 24 जून: कांग्रेस नेता और झारखंड कैबिनेट मंत्री बन्ना गुप्ता ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की आलोचना की और उन्हें ‘भ्रष्ट नेता’ कहा। गुप्ता ने कहा कि केंद्रीय सरकार सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और उन पर हिंदू-मुस्लिम राजनीति और हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया।

गुप्ता ने कहा, ‘यह उनकी (केंद्रीय सरकार की) विफलता है। हम बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) या केंद्रीय सरकार में नहीं हैं। सुरक्षा उनके हाथ में है। रक्षा प्रणाली उनके हाथ में है। रोहिंग्या मुसलमानों को रोकने की जिम्मेदारी किसकी है? उनकी कहानी केवल हिंदू-मुस्लिम राजनीति और हिंसा करने की है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘वह सबसे भ्रष्ट नेता हैं, और क्या कह सकते हैं? वे केंद्र में शासन कर रहे हैं, बीएसएफ और सेना उनके हाथ में है। अगर कोई घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है तो केंद्रीय सरकार जवाबदेह है। उन्हें नैतिक आधार पर सरकार से इस्तीफा देना चाहिए।’

गुप्ता ने दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों और हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के कारणों पर चर्चा के लिए अपनी बैठक का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘हमारी दिल्ली में एक बैठक है। अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में हार के कारणों पर चर्चा करेंगे। हम राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर भी चर्चा करेंगे।’

इससे पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक भारतीय जनता पार्टी की बैठक के दौरान आदिवासी क्षेत्रों में घुसपैठ के बारे में चिंता जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी रोहिंग्या आदिवासी महिलाओं से शादी करके उनकी जमीन हड़प लेते हैं और झारखंड सरकार के इन घुसपैठियों के खिलाफ उठाए गए कदमों पर सवाल उठाया। सरमा ने कहा, ‘पूरा हिंदू और आदिवासी समुदाय घुसपैठ से प्रभावित है। बांग्लादेशी रोहिंग्या आदिवासी महिलाओं से शादी करते हैं सिर्फ उनकी जमीन हड़पने के लिए। इस विषय पर जेएमएम के साथ बहस शुरू करने की जरूरत है और उनसे पूछा जाना चाहिए कि वे इन घुसपैठियों के खिलाफ क्या कदम उठा रहे हैं। लेकिन उनके पास कोई जवाब नहीं है।’

सरमा ने घुसपैठियों से निपटने में केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की भूमिका पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय सब कुछ कर सकता है लेकिन राज्य में उन्हें (घुसपैठियों को) आश्रय कौन देता है? गृह मंत्रालय का काम सीमाओं तक सीमित है। राज्य सरकार बीएसएफ को सीमा से 50 किमी के भीतर काम करने की शक्ति देती है, जैसा कि हमने असम में किया है, जेएमएम सरकार को भी बीएसएफ को पूर्ण अधिकार देना चाहिए… केंद्रीय सरकार के पास राज्य के अंदर शक्ति नहीं है।’

झारखंड में वर्ष 2024 के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे। झारखंड के साथ-साथ हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होंगे। मौजूदा झारखंड विधान सभा का कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त हो जाएगा और चुनाव आयोग (ईसी) ने विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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