भैरबी और होर्टोकी के बीच नई रेलवे लाइन को सुमीत सिंघल ने दी मंजूरी
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) सुमीत सिंघल ने 22 अगस्त से भैरबी और होर्टोकी के बीच 16.725 किलोमीटर लंबी ब्रॉड-गेज लाइन पर माल और यात्री ट्रेनों के संचालन की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी पिछले महीने के अंत में पूरी हुई विस्तृत निरीक्षण के बाद दी गई है।
परियोजना विवरण
उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि यह खंड चल रहे 51.38 किलोमीटर भैरबी-सैरंग रेल परियोजना का हिस्सा है। नई लाइन में 20 प्रमुख पुल, 27 छोटे पुल, 13 सुरंगें और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और मैकएल सिग्नल सिस्टम जैसी उन्नत सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं।
लाभ
नई रेलवे लाइन अधिक माल और यात्रियों के परिवहन को सुगम बनाएगी, कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी और मिजोरम और असम के बीच यात्रा के समय को कम करेगी। यह स्थानीय उद्योगों का समर्थन करेगी और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी।
उन्नत सुविधाएं
इस खंड को मुख्य लाइन पर अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे और लूप लाइनों पर 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए डिजाइन किया गया है। होर्टोकी रेलवे स्टेशन पर आधुनिक सुविधाएं जैसे नया फुट ओवरब्रिज, प्रतीक्षालय और पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय शामिल हैं।
भविष्य की संभावनाएं
भैरबी-सैरंग रेल परियोजना के पूरा होने पर, यह मिजोरम के लोगों के लिए कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार करेगी, परिवहन लागत को कम करेगी और आवश्यक वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
Doubts Revealed
रेलवे सुरक्षा आयुक्त -: रेलवे सुरक्षा आयुक्त वह व्यक्ति होता है जो यह जांचता है कि नई रेलवे लाइनें ट्रेनों के चलने के लिए सुरक्षित हैं या नहीं। वे सुनिश्चित करते हैं कि सब कुछ सही और सुरक्षित तरीके से बनाया गया है।
सुमीत सिंघल -: सुमीत सिंघल रेलवे सुरक्षा आयुक्त का नाम है जिसने नई रेलवे लाइन को मंजूरी दी। वह यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं कि ट्रेनें सुरक्षित हैं।
ब्रॉड-गेज लाइन -: ब्रॉड-गेज लाइन एक प्रकार की रेलवे ट्रैक होती है जहां दो पटरियों के बीच की दूरी मानक ट्रैकों से अधिक होती है। इससे बड़े और भारी ट्रेनें चल सकती हैं।
भैरबी -: भैरबी मिजोरम में एक स्थान है, जो भारत का एक राज्य है। यह नई रेलवे लाइन का एक छोर है।
होर्टोकी -: होर्टोकी मिजोरम में एक और स्थान है, और यह नई रेलवे लाइन का दूसरा छोर है।
मिजोरम -: मिजोरम भारत के पूर्वोत्तर भाग में एक राज्य है। यह अपनी सुंदर पहाड़ियों और जंगलों के लिए जाना जाता है।
भैरबी-सैरंग रेल परियोजना -: भैरबी-सैरंग रेल परियोजना मिजोरम में रेलवे लाइनों को बनाने की एक बड़ी योजना है। यह लोगों को यात्रा करने और सामान को आसानी से परिवहन करने में मदद करेगी।
पुल और सुरंगें -: पुल और सुरंगें वे संरचनाएं हैं जो ट्रेनों को नदियों के ऊपर और पहाड़ों के माध्यम से जाने में मदद करती हैं। वे रेलवे लाइन को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कनेक्टिविटी -: कनेक्टिविटी का मतलब है कि विभिन्न स्थान कितनी अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। बेहतर कनेक्टिविटी से लोगों के लिए यात्रा करना और सामान का परिवहन करना आसान हो जाता है।
स्थानीय उद्योग -: स्थानीय उद्योग एक विशिष्ट क्षेत्र में व्यवसाय और कारखाने होते हैं। बेहतर रेलवे लाइनें इन उद्योगों की मदद करती हैं कच्चे माल को प्राप्त करने और उत्पादों को भेजने में।
परिवहन लागत -: परिवहन लागत वह पैसा है जो सामान और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में खर्च होता है। कम परिवहन लागत का मतलब है कि चीजें सभी के लिए सस्ती हो सकती हैं।
उन्नत सुरक्षा और संचार प्रणाली -: उन्नत सुरक्षा और संचार प्रणाली आधुनिक तकनीकें हैं जो ट्रेनों को सुरक्षित और समय पर चलने में मदद करती हैं। इनमें सिग्नल, अलार्म और रेडियो जैसी चीजें शामिल हैं।