मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश के बाद टिहरी गढ़वाल में राहत कार्यों का नेतृत्व किया
देहरादून (उत्तराखंड) [भारत], 28 जुलाई: टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकास खंड के बाल गंगा और बुढ़ा केदार क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य जारी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधायक शक्ति लाल शाह और जिला मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित से कार्यों की जानकारी ली।
धामी ने जिला मजिस्ट्रेट को संवेदनशील गांवों की पहचान कर निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। उन्होंने मवेशियों और अन्य घरेलू जानवरों की सुरक्षा के लिए भी व्यवस्था करने को कहा। राहत शिविरों में बिजली और पीने के पानी जैसी आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, और पीड़ितों को तत्काल वित्तीय राहत प्रदान की जा रही है।
जिला मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित ने बताया कि तोली गांव में मलबे के नीचे दो महिलाएं मृत पाई गईं, जबकि एक घायल व्यक्ति, वीरेंद्र सिंह, को पीएचसी बेलेश्वर में भर्ती कराया गया है। एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की बचाव टीमें सक्रिय रूप से मैदान पर काम कर रही हैं।
Doubts Revealed
मुख्यमंत्री -: मुख्यमंत्री एक भारतीय राज्य में सरकार के प्रमुख होते हैं। वे महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं और राज्य का प्रबंधन करने में मदद करते हैं।
पुष्कर सिंह धामी -: पुष्कर सिंह धामी वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री हैं। वे उस राज्य में सरकार का नेतृत्व करने के लिए जिम्मेदार हैं।
टिहरी गढ़वाल -: टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड राज्य का एक जिला है। यह अपने पहाड़ों और नदियों के लिए जाना जाता है।
राहत और बचाव कार्य -: ये प्रयास उन लोगों की मदद करने के लिए किए जाते हैं जो आपदा के बाद खतरे में होते हैं या मदद की जरूरत होती है, जैसे भारी बारिश या भूस्खलन। इसमें लोगों को बचाना और उन्हें खाना, पानी और आश्रय प्रदान करना शामिल है।
भूस्खलन -: भूस्खलन तब होता है जब बहुत सारे पत्थर और मिट्टी पहाड़ या पहाड़ी से नीचे गिरते हैं। यह बहुत खतरनाक हो सकता है और बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।
संवेदनशील गाँव -: संवेदनशील गाँव वे स्थान होते हैं जो प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भारी बारिश या भूस्खलन से अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इन गाँवों के लोगों को सुरक्षित रहने के लिए अतिरिक्त मदद की जरूरत होती है।
राहत शिविर -: राहत शिविर अस्थायी स्थान होते हैं जहाँ लोग आपदा के बाद सुरक्षित रह सकते हैं और उन्हें खाना, पानी और चिकित्सा सहायता मिल सकती है।