छत्तीसगढ़ में मलेरिया के खिलाफ लड़ाई: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से बड़ी गिरावट
छत्तीसगढ़ ने मलेरिया के मामलों को कम करने में बड़ी प्रगति की है, खासकर बस्तर डिवीजन के घने जंगलों और कठिन पहुंच वाले क्षेत्रों में। राज्य की मलेरिया पॉजिटिविटी दर 4.60% से घटकर 0.51% हो गई है।
मुख्यमंत्री के सक्रिय कदम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य विभाग को मानसून के दौरान मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का निर्देश दिया है। इन उपायों से राज्य भर में, विशेष रूप से बस्तर में, मलेरिया के मामलों में महत्वपूर्ण कमी आई है।
स्वास्थ्य मंत्री का दौरा
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल वर्तमान में बीजापुर जिले का दौरा कर रहे हैं ताकि मलेरिया के खिलाफ प्रयासों को तेज किया जा सके। छत्तीसगढ़ में सभी मलेरिया मामलों में से 61.99% दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर से आते हैं।
सफल अभियान
मलेरिया उन्मूलन अभियान बहुत सफल रहा है। 2020 से 2023 के नौ चरणों में मलेरिया पॉजिटिविटी दर 4.60% से घटकर 0.51% हो गई है। दसवां चरण 5 जुलाई, 2024 को समाप्त हुआ। अभियान के हिस्से के रूप में, 22 जिलों में 16.97 लाख कीटनाशक-उपचारित मच्छरदानी वितरित की गईं।
वर्तमान आंकड़े
2024 की पहली छमाही में, स्वास्थ्य विभाग ने बस्तर में 1,660, बीजापुर में 4,441, दंतेवाड़ा में 1,640, कांकेर में 259, कोंडागांव में 701, नारायणपुर में 1,509 और सुकमा में 1,144 मामले दर्ज किए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में मामलों की निगरानी और उपचार सुविधाओं में सुधार किया है।
जन जागरूकता
राज्य सरकार लोगों से आग्रह करती है कि यदि वे मलेरिया के लक्षण दिखाते हैं तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाएं। इस सतर्कता और जन जागरूकता ने छत्तीसगढ़ में मलेरिया के मामलों में महत्वपूर्ण कमी लाई है।