छत्तीसगढ़ में जल-जागर अभियान की सफलता को दिखाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन

छत्तीसगढ़ में जल-जागर अभियान की सफलता को दिखाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन

छत्तीसगढ़ में जल-जागर अभियान की सफलता को दिखाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन

रायपुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ सरकार 5 और 6 अक्टूबर को धमतरी जिले के रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) में दो दिवसीय ‘अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन’ का आयोजन कर रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ‘जल-जागर’ पहल के माध्यम से जिले की जल संरक्षण में प्रगति को उजागर करना है।

किसानों और सामुदायिक भागीदारी पर ध्यान

सम्मेलन में उन किसानों के योगदान पर जोर दिया जाएगा जिन्होंने फसल विविधीकरण को अपनाया है, जिससे मिट्टी का पुनरुद्धार और प्रभावी जल संरक्षण हुआ है। ‘पानी पर विचार, दुनिया का समर्थन’ थीम के तहत जमीनी स्तर के समुदायों के साथ चर्चा की जाएगी।

सांस्कृतिक गतिविधियाँ और प्रतियोगिताएँ

इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक गतिविधियाँ, ‘कचरे से जुगाड़’ प्रतियोगिता, ‘रंगोली’ प्रतियोगिताएँ शामिल होंगी और 108 अमृत सरोवरों के जल से रुद्राभिषेक समारोह के साथ समापन होगा।

मुख्यमंत्री की दृष्टि

मुख्यमंत्री विष्णु देव साई के नेतृत्व में, ‘जल-जागर’ अभियान ने जल संकट से निपटने के लिए एक शक्तिशाली दृष्टिकोण अपनाया है। मुख्यमंत्री ने जिले के परिवर्तन को देखने के लिए सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया है।

राष्ट्रीय जल मिशन के साथ संरेखण

यह अभियान राष्ट्रीय जल मिशन के ‘जहां गिरती है, वहां पकड़ो’ कार्यक्रम के साथ संरेखित है, जो जल संचयन प्रणालियों और जल संरक्षण में साझा जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है।

भूजल कमी का जवाब

2021 के सर्वेक्षण के बाद, जिसने धमतरी को भूजल कमी के लिए संवेदनशील बताया, ‘जल-जागर’ अभियान को भूजल स्तर बढ़ाने और सतत जल प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था।

सामुदायिक और पर्यावरणीय पहल

इस अभियान ने नई जल धाराओं, वृक्षारोपण पहलों और ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ (जल सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना) थीम के तहत महिलाओं की भागीदारी को जन्म दिया है। सामुदायिक सदस्यों को जल संरक्षण तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है और वर्षा जल संचयन प्रणालियों को बढ़ावा दिया गया है।

जल शक्ति केंद्र और सहयोग

प्रत्येक ब्लॉक में जल शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो सामुदायिक सदस्यों को जल प्रबंधन पर शिक्षित करते हैं। प्रशासन ने पर्यावरणविद् नीरज वानखेड़े के साथ मिलकर सार्वजनिक प्रतिनिधियों और किसानों को प्रशिक्षित किया।

अमृत सरोवर और स्वच्छता अभियान

121 तालाब, जिन्हें अमृत सरोवर कहा जाता है, बनाए गए और गंगरेल बांध की खुदाई के दौरान 35 ट्रक प्लास्टिक कचरे को हटाया गया, जिससे जल निकायों के आसपास की स्वच्छता पर जोर दिया गया।

प्रचार और जागरूकता

इस अभियान को ‘पिकू’ नामक एक शुभंकर और एनिमेटेड फिल्मों के माध्यम से प्रचारित किया गया है। संदेश फैलाने और सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए पोस्टर, कैप, टी-शर्ट और अन्य सामग्री वितरित की गई।

पर्यावरण संतुलन और सामुदायिक भागीदारी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हरित आवरण संरक्षण और जल संरक्षण के माध्यम से पर्यावरण संतुलन के महत्व पर जोर दिया। प्रयासों में जल पुनर्भरण कार्यक्रम, तालाबों का नवीनीकरण और वर्षा जल संचयन पहल शामिल थीं।

जियो-टैगिंग और वैज्ञानिक योजना

सभी जल स्रोतों की पहचान की गई और डिजिटल रूप से मैप किया गया, और वैज्ञानिक सिद्धांतों के आधार पर जल संरक्षण के लिए योजनाएँ विकसित की गईं। सामुदायिक भागीदारी के साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और तालाब सफाई अभियान चलाए गए।

सकारात्मक परिणाम

धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल स्तर में निरंतर वृद्धि का उल्लेख किया, जो फसल चक्र और जल संरक्षण पहलों में सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। इस सफलता का श्रेय ‘जल-जागर’ पहल के प्रभावी कार्यान्वयन को दिया जाता है।

Doubts Revealed


छत्तीसगढ़ -: छत्तीसगढ़ भारत के मध्य में एक राज्य है। यह अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन -: अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन एक बड़ा बैठक है जहाँ विभिन्न देशों के लोग जल-संबंधित मुद्दों और समाधानों पर चर्चा करने के लिए एकत्र होते हैं।

रविशंकर जलाशय -: रविशंकर जलाशय धमतरी जिले, छत्तीसगढ़ में एक बड़ा जल भंडारण क्षेत्र है। यह पीने और खेती के लिए पानी संग्रहित करने में मदद करता है।

धमतरी जिला -: धमतरी जिला छत्तीसगढ़ में एक क्षेत्र है। यह अपनी कृषि और जल संसाधनों के लिए जाना जाता है।

जल-जागर -: जल-जागर एक पहल या कार्यक्रम है जो जल संसाधनों को प्रभावी ढंग से बचाने और प्रबंधित करने पर केंद्रित है। ‘जल’ का मतलब हिंदी में पानी होता है।

फसल विविधीकरण -: फसल विविधीकरण का मतलब है एक ही प्रकार की फसल के बजाय विभिन्न प्रकार की फसलें उगाना। इससे पानी और मिट्टी का बेहतर उपयोग होता है।

सामुदायिक भागीदारी -: सामुदायिक भागीदारी का मतलब है स्थानीय लोगों को गतिविधियों और निर्णयों में शामिल करना। इस मामले में, इसका मतलब है कि क्षेत्र के लोग जल संरक्षण में मदद करते हैं।

राष्ट्रीय जल मिशन -: राष्ट्रीय जल मिशन भारतीय सरकार का एक कार्यक्रम है जो पानी को बचाने और समझदारी से उपयोग करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य है कि सभी के पास पर्याप्त पानी हो।

भूजल स्तर -: भूजल स्तर का मतलब है भूमिगत संग्रहित पानी की मात्रा। उच्च स्तर का मतलब है कि उपयोग के लिए अधिक पानी उपलब्ध है।

पर्यावरणीय सुधार -: पर्यावरणीय सुधार का मतलब है परिवेश को बेहतर बनाना, जैसे कि स्वच्छ हवा, पानी, और अधिक हरित स्थान।

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