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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने विंग कमांडर एमबी ओझा को श्रद्धांजलि दी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने विंग कमांडर एमबी ओझा को श्रद्धांजलि दी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने विंग कमांडर एमबी ओझा को श्रद्धांजलि दी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) एमबी ओझा के निधन पर शोक व्यक्त किया, जिनका 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज महादेव शमशान घाट पर सुबह 11:30 बजे किया जाएगा।

मुख्यमंत्री की ओर से श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री साई ने एक भावपूर्ण संदेश में एमबी ओझा को ‘माँ भारती का वीर पुत्र’ कहा और 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में उनकी भागीदारी को सराहा। उन्होंने 1971 के युद्ध में 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण के साक्षी के रूप में ओझा की भूमिका को भी उजागर किया।

1971 युद्ध का ऐतिहासिक संदर्भ

1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध 16 दिसंबर 1971 को ढाका में पाकिस्तान के आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ। इस घटना ने भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विजय को चिह्नित किया और बांग्लादेश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। इस युद्ध में 3,900 भारतीय सैनिकों की जान गई और 9,851 घायल हुए। 16 दिसंबर को इस विजय को मनाने के लिए भारत में ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

Doubts Revealed


छत्तीसगढ़ -: छत्तीसगढ़ भारत के मध्य में स्थित एक राज्य है। यह अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।

सीएम विष्णु देव साई -: सीएम का मतलब मुख्यमंत्री होता है, जो भारत के एक राज्य में सरकार का प्रमुख होता है। विष्णु देव साई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं।

विंग कमांडर -: विंग कमांडर भारतीय वायु सेना में एक रैंक है। यह एक वरिष्ठ पद है, और इस रैंक के लोग बहुत जिम्मेदारी और अनुभव रखते हैं।

1962, 1965, और 1971 युद्ध -: ये युद्ध भारत ने अन्य देशों के साथ लड़े थे। 1962 का युद्ध चीन के साथ था, और 1965 और 1971 के युद्ध पाकिस्तान के साथ थे। 1971 के युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ।

विजय दिवस -: विजय दिवस भारत में 16 दिसंबर को मनाया जाता है, जो 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर विजय का प्रतीक है, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ।

महादेव श्मशान घाट -: श्मशान घाट वह स्थान होता है जहाँ हिंदू अंतिम संस्कार करते हैं और मृतकों का दाह संस्कार करते हैं। महादेव श्मशान घाट एक विशेष श्मशान भूमि है।

90,000 पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण -: 1971 के युद्ध के दौरान, 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया। यह एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने युद्ध के अंत और बांग्लादेश के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
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