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जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री ने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री ने सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री ने कार्रवाई की मांग की

सुरिंदर कुमार चौधरी ने हालिया आतंकवादी हमलों पर चिंता जताई

जम्मू-कश्मीर में उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने हाल के आतंकवादी घटनाओं के बाद सुरक्षा बलों से मजबूत कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के बलिदानों को रेखांकित किया, जिसमें कई नेता और कार्यकर्ता शांति के लिए अपनी जान गंवा चुके हैं।

आतंकवादी हमलों की निंदा

उपमुख्यमंत्री चौधरी ने हमलों पर दुख व्यक्त किया और कहा कि सरकार इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने सुरक्षा नीतियों में बदलाव की मांग की ताकि और जानें न जाएं।

किश्तवाड़ की हालिया घटनाएं

उपमुख्यमंत्री के बयान किश्तवाड़ मुठभेड़ के बाद आए, जहां 2 पैरा (एसएफ) के नायब सूबेदार राकेश कुमार मारे गए। इसके अलावा, दो गांव रक्षा गार्ड, नजीर अहमद और कुलदीप कुमार, आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर मार दिए गए। उनके शव किश्तवाड़ के जंगल क्षेत्र में पाए गए।

आतंकवादी हमलों में वृद्धि

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है। हाल ही में, सोपोर में एक आतंकवादी को मार गिराया गया, और इससे पहले, गंदरबल में एक निर्माण स्थल पर एक डॉक्टर और छह मजदूरों की हत्या कर दी गई थी।

Doubts Revealed


जम्मू और कश्मीर -: जम्मू और कश्मीर भारत के उत्तरी भाग में एक क्षेत्र है। यह अपनी सुंदर पहाड़ियों और घाटियों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे हिंसा और आतंकवाद की समस्याओं का भी सामना करना पड़ा है।

उपमुख्यमंत्री -: उपमुख्यमंत्री सरकार में एक उच्च पदस्थ अधिकारी होते हैं, जो मुख्यमंत्री के ठीक नीचे होते हैं। वे राज्य के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करते हैं।

सुरिंदर कुमार चौधरी -: सुरिंदर कुमार चौधरी जम्मू और कश्मीर के एक राजनीतिक नेता हैं। वे वर्तमान में उपमुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहे हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस -: नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर में एक राजनीतिक पार्टी है। यह क्षेत्र में कई वर्षों से सक्रिय है और शांति और विकास की दिशा में काम करती है।

किश्तवाड़ मुठभेड़ -: किश्तवाड़ मुठभेड़ जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ क्षेत्र में हाल ही में हुई एक हिंसक घटना को संदर्भित करती है। इस मुठभेड़ में एक सैनिक और दो ग्राम रक्षा गार्डों की जान चली गई।

ग्राम रक्षा गार्ड -: ग्राम रक्षा गार्ड स्थानीय लोग होते हैं जो अपने गांवों को हमलों से बचाने में मदद करते हैं। वे पुलिस और सेना के साथ मिलकर अपने क्षेत्र को सुरक्षित रखते हैं।
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