एनसीसीएफ ने दिल्ली एनसीआर में सस्ते टमाटर बिक्री की शुरुआत की
टमाटर की बढ़ती कीमतों के जवाब में, नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) ने दिल्ली एनसीआर में टमाटर को 65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचना शुरू किया है। इस पहल का शुभारंभ उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने किया। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को मूल्य वृद्धि से बचाना और बिचौलियों के मुनाफे को कम करना है।
बाजार हस्तक्षेप
एनसीसीएफ सीधे मंडियों से टमाटर खरीदकर उन्हें सब्सिडी दरों पर बेच रहा है। इसके अलावा, प्रमुख शहरों में सरकार के बफर से प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आपूर्ति की जा रही है। टमाटर की कीमतों में हालिया वृद्धि का कारण आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लंबे मानसून के कारण गुणवत्ता पर प्रभाव है।
न्यायपूर्ण व्यापार के प्रति प्रतिबद्धता
एनसीसीएफ के प्रयास इसके न्यायपूर्ण व्यापार प्रथाओं और उपभोक्ता संरक्षण के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं। किसानों के साथ सीधे काम करके, संगठन का उद्देश्य कीमतों को स्थिर करना और उपभोक्ताओं को सस्ते विकल्प प्रदान करना है।
लॉन्च इवेंट
संयुक्त सचिव और एनसीसीएफ के एमडी अनुपम मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने लॉन्च में भाग लिया। मोबाइल वैन दिल्ली एनसीआर के विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं, जिससे सस्ते टमाटर तक आसान पहुंच मिल सके।
Doubts Revealed
एनसीसीएफ -: एनसीसीएफ का मतलब नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड है। यह भारत में एक संगठन है जो उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर सामान उपलब्ध कराता है।
दिल्ली एनसीआर -: दिल्ली एनसीआर का मतलब दिल्ली के आसपास का नेशनल कैपिटल रीजन है, जिसमें गुड़गांव, नोएडा और फरीदाबाद जैसे नजदीकी शहर शामिल हैं। यह एक बड़ा क्षेत्र है जहां कई लोग रहते और काम करते हैं।
मूल्य वृद्धि -: मूल्य वृद्धि का मतलब है कि कुछ वस्तुओं, जैसे टमाटर, की कीमतें थोड़े समय में बहुत बढ़ गई हैं। यह विभिन्न कारणों से हो सकता है जैसे खराब मौसम या आपूर्ति समस्याएं।
मानसून की स्थिति -: मानसून की स्थिति का मतलब भारत में बारिश का मौसम है, जो खेती को प्रभावित कर सकता है। बहुत अधिक बारिश फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे टमाटर जैसी सब्जियों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
मध्यस्थ लाभ -: मध्यस्थ लाभ वह अतिरिक्त पैसा है जो लोग किसान और उपभोक्ता के बीच सामान खरीदने और बेचने से कमाते हैं। इन लाभों को कम करने से उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम हो सकती हैं।