आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा के लिए सीबीडीटी ने समिति बनाई

आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा के लिए सीबीडीटी ने समिति बनाई

सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा शुरू की

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम, 1961 की गहन समीक्षा के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया है। इस पहल की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 के दौरान की थी।

समीक्षा के उद्देश्य

इस समीक्षा का मुख्य उद्देश्य अधिनियम को सरल और समझने में आसान बनाना है। इससे विवादों और मुकदमों में कमी आएगी और करदाताओं के लिए अधिक कर निश्चितता प्रदान होगी।

जनता की भागीदारी

समिति चार प्रमुख क्षेत्रों में जनता की राय मांग रही है: भाषा का सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन में कमी, और अप्रचलित प्रावधानों को हटाना। इसके लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक समर्पित वेबपेज लॉन्च किया गया है।

योगदान कैसे करें

हितधारक और जनता वेबपेज पर अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करके, ओटीपी सत्यापन के बाद, पहुंच सकते हैं। सुझावों में आयकर अधिनियम, 1961 या आयकर नियम, 1962 के विशिष्ट अनुभागों या नियमों का संदर्भ होना चाहिए।

समयसीमा

वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रस्तावित किया है कि समीक्षा छह महीने के भीतर पूरी की जाए, जिससे मुकदमेबाजी की मांगों में कमी आए।

Doubts Revealed


सीबीडीटी -: सीबीडीटी का मतलब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड है। यह भारतीय सरकार का एक हिस्सा है जो उन करों से संबंधित है जो लोग और व्यवसाय सीधे सरकार को चुकाते हैं, जैसे आयकर।

आयकर अधिनियम, 1961 -: आयकर अधिनियम, 1961 भारत में एक कानून है जो लोगों और व्यवसायों को बताता है कि उन्हें अपनी आय पर कितना कर चुकाना है। यह बहुत समय पहले, 1961 में बनाया गया था, और कभी-कभी इसे समझने और पालन करने में आसान बनाने के लिए अपडेट की आवश्यकता होती है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण -: निर्मला सीतारमण भारतीय सरकार में एक नेता हैं जो देश के धन मामलों, जैसे कर और बजट की जिम्मेदारी संभालती हैं। वह भारत की वित्त मंत्री हैं।

केंद्रीय बजट 2024-25 -: केंद्रीय बजट एक योजना है जो भारतीय सरकार हर साल बनाती है कि वह कैसे पैसा कमाएगी और खर्च करेगी। 2024-25 का बजट उस विशेष वर्ष के लिए योजना है।

जनता की राय -: जनता की राय का मतलब है कि सरकार लोगों से उनके विचार और सुझाव साझा करने के लिए कह रही है। इससे सरकार को यह समझने में मदद मिलती है कि लोग कर नियमों में क्या बदलाव चाहते हैं।

ई-फाइलिंग पोर्टल -: ई-फाइलिंग पोर्टल एक वेबसाइट है जहां लोग अपने कर-संबंधी दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। यह लोगों के लिए अपने करों को दफ्तर गए बिना दाखिल करना आसान बनाता है।

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