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दिल्ली हाई कोर्ट ने सुकन्या मंडल को दी जमानत, 16 महीने बाद मिली राहत

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुकन्या मंडल को दी जमानत, 16 महीने बाद मिली राहत

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुकन्या मंडल को दी जमानत

नई दिल्ली, 10 सितंबर: दिल्ली हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल को 16 महीने की हिरासत के बाद जमानत दे दी है। सुकन्या को 26 अप्रैल, 2023 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।

आरोप और गिरफ्तारी

सुकन्या मंडल पर आरोप था कि उन्होंने अपने पिता की मदद से विभिन्न कंपनियों और फर्मों के माध्यम से लगभग 12 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की। उनके पिता पर मुख्य आरोपी सतीश कुमार से रिश्वत लेने का आरोप है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने जमानत देते हुए कहा कि मामले में शामिल दस्तावेजों की भारी मात्रा के कारण मुकदमा लंबा चल सकता है।

जमानत की शर्तें

न्यायमूर्ति कृष्णा ने कहा कि सुकन्या, एक महिला होने के नाते, पीएमएलए, 2002 की धारा 45 के प्रावधान के तहत जमानत की हकदार हैं। उन्हें 10 लाख रुपये के व्यक्तिगत बांड और समान राशि के एक जमानतदार पर जमानत दी गई। अदालत ने यह भी नोट किया कि उनके पिता अनुब्रत मंडल को 30 जुलाई, 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई थी।

कानूनी तर्क

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने तर्क दिया कि पीएमएलए की धारा 3 के तहत अपराध के लिए ज्ञान आवश्यक है। उन्होंने ईडी द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी में भेदभावपूर्ण प्रथाओं को भी उजागर किया। सुकन्या की जमानत याचिका को पहले 1 जून, 2023 को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन उन्होंने राहत के लिए हाई कोर्ट का रुख किया।

स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं

यह भी तर्क दिया गया कि जांच के कारण सुकन्या का स्वास्थ्य बिगड़ गया था और उन्हें सर्जरी की आवश्यकता थी। इन मुद्दों के बावजूद, उन्होंने जांच में भाग लिया और गिरफ्तार कर ली गईं। उनके पिता अनुब्रत मंडल को भी संबंधित सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई थी।

जमानत का विरोध

ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अपराध की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सुकन्या और उनके परिवार से संबंधित कई बैंक खातों में जमा किया गया था। ईडी ने यह भी तर्क दिया कि सुकन्या परिवार के व्यवसाय में सक्रिय रूप से शामिल थीं, जबकि उन्हें प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका के रूप में प्रस्तुत किया गया था।

Doubts Revealed


दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली, भारत में एक बड़ा न्यायालय है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।

जमानत -: जमानत तब होती है जब कोई व्यक्ति जो जेल में है, अपने मुकदमे का इंतजार करते समय घर जाने की अनुमति प्राप्त करता है, लेकिन उसे अदालत में वापस आने का वादा करना होता है।

सुकन्या मोंडल -: सुकन्या मोंडल अनुब्रत मोंडल की बेटी हैं, जो तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग -: मनी लॉन्ड्रिंग तब होती है जब लोग यह छिपाने की कोशिश करते हैं कि पैसा वास्तव में कहाँ से आया है, आमतौर पर क्योंकि यह अवैध तरीकों से कमाया गया था।

तृणमूल कांग्रेस -: तृणमूल कांग्रेस भारत की एक राजनीतिक पार्टी है, जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल राज्य में सक्रिय है।

अनुब्रत मोंडल -: अनुब्रत मोंडल तृणमूल कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और सुकन्या मोंडल के पिता हैं।

पशु तस्करी -: पशु तस्करी तब होती है जब लोग अवैध रूप से गायों या अन्य जानवरों को सीमा पार बेचने के लिए ले जाते हैं।

₹ 12 करोड़ -: ₹ 12 करोड़ भारतीय मुद्रा में एक बड़ी राशि है, जो 120 मिलियन रुपये के बराबर है।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा -: न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा दिल्ली उच्च न्यायालय की एक न्यायाधीश हैं जिन्होंने सुकन्या मोंडल को जमानत देने का निर्णय लिया।

पीएमएलए, 2002 -: पीएमएलए, 2002 का मतलब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट है, जो भारत में एक कानून है जो अवैध पैसे को छिपाने वाले लोगों को पकड़ने और सजा देने में मदद करता है।

ईडी -: ईडी का मतलब प्रवर्तन निदेशालय है, जो भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग जैसे वित्तीय अपराधों की जांच करती है।
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