भारत सरकार के शेयर बेचने की बड़ी योजना: 11.5 ट्रिलियन रुपये की संभावना
भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, बैंकों और बीमा कंपनियों में शेयर बेचकर 11.5 ट्रिलियन रुपये जुटा सकती है, जबकि कम से कम 51% नियंत्रण बनाए रखेगी। यह 2014 से अब तक बेचे गए 5.2 ट्रिलियन रुपये से अधिक है।
इस 11.5 ट्रिलियन रुपये की संभावना में से, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम लगभग 5 ट्रिलियन रुपये का योगदान कर सकते हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और बीमा कंपनियां 6.5 ट्रिलियन रुपये जोड़ सकते हैं। हालांकि, सरकार रणनीतिक, वित्तीय और सामाजिक विचारों के कारण सभी संभावित शेयर नहीं बेच सकती है।
CareEdge Ratings की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने लगातार घाटे में चल रही कंपनियों के लिए नई विनिवेश रणनीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम के अंत और उच्च स्टॉक मार्केट स्तरों के कारण महत्वपूर्ण विनिवेश के लिए एक अच्छा अवसर है।
अनुकूल बाजार स्थितियों के बावजूद, पिछली समस्याओं जैसे प्रक्रियात्मक देरी और मुकदमों ने विनिवेश प्रयासों को धीमा कर दिया है। 2023-24 का विनिवेश लक्ष्य चूक गया, संशोधित 300 बिलियन रुपये के लक्ष्य में से केवल 165 बिलियन रुपये ही प्राप्त हुए।
भविष्य की योजनाओं में शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसे बड़े विनिवेश शामिल हैं, जो सरकार के पूरे हिस्से को बेचने पर 125-225 बिलियन रुपये जुटा सकते हैं। CareEdge का मानना है कि सरकार 2024-25 के विनिवेश लक्ष्य को 500 बिलियन रुपये पर बनाए रखेगी।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने 2023-24 में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत 1.6 ट्रिलियन रुपये के संपत्तियों का मुद्रीकरण किया है, जबकि लक्ष्य 1.8 ट्रिलियन रुपये था।