राहुल गांधी के भाषण ने संसद में छेड़ी बहस
नई दिल्ली [भारत], 2 जुलाई: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की। उनके बयान संसद के रिकॉर्ड से हटा दिए गए, लेकिन इससे महत्वपूर्ण राजनीतिक बहस छिड़ गई।
भाषण के मुख्य बिंदु
राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हिंसा और नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने बिंदुओं को समर्थन देने के लिए भगवान शिव, पैगंबर मोहम्मद, गुरु नानक, यीशु मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर जैसे धार्मिक व्यक्तित्वों का उल्लेख किया।
प्रतिक्रियाएं और विरोध
उनकी टिप्पणियों के कारण बीजेपी नेताओं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, ने विरोध किया। पीएम मोदी ने गांधी पर सदन को गुमराह करने और पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना एक गंभीर मामला है।
मनोज झा का बयान
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता मनोज कुमार झा ने टिप्पणी की कि भले ही बयान रिकॉर्ड से हटाए जा सकते हैं, लेकिन उन्हें लोगों की यादों से मिटाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी पार्टी या संगठन किसी धर्म का पूरी तरह से प्रतिनिधित्व नहीं करता।
आगामी प्रतिक्रिया
पीएम मोदी आज बाद में लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर ‘धन्यवाद प्रस्ताव’ का जवाब देने की उम्मीद है।