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प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की कज़ान में बैठक: भारत-चीन संबंधों में नया मोड़

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की कज़ान में बैठक: भारत-चीन संबंधों में नया मोड़

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की कज़ान में बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कज़ान, रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मिलने वाले हैं। यह बैठक पांच वर्षों में उनकी पहली औपचारिक बातचीत होगी, जो पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ नियमित गश्त फिर से शुरू करने के समझौते के बाद हो रही है।

पृष्ठभूमि और हालिया विकास

यह बैठक दोनों देशों के बीच साझा सीमा पर तनाव कम करने के समझौते के बाद हो रही है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने द्विपक्षीय बैठक की पुष्टि की, जो भारत-चीन संबंधों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। मोदी और शी की पिछली बैठक 2019 में महाबलीपुरम, तमिलनाडु में हुई थी, जो 2020 के गलवान संघर्ष से पहले थी।

सीमा मुद्दों को सुलझाने के प्रयास

भारत और चीन 2020 से सीमा तनाव को हल करने के लिए चर्चा कर रहे हैं। हाल ही में LAC के साथ गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है, जैसा कि विदेश मंत्रालय ने घोषणा की। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी सीमा संघर्ष के समाधान की पुष्टि की, जो चल रही कूटनीतिक और सैन्य संचार को दर्शाता है।

व्यापार और भविष्य की संभावनाएं

विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर नाथ सचदेव ने बैठक के प्रति आशावाद व्यक्त किया, जिसमें ठोस परिणामों की संभावना है। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो वर्तमान में चीन के पक्ष में है। बैठक में व्यापार मुद्दों और LAC के साथ दीर्घकालिक शांति पर चर्चा होने की उम्मीद है।

ऐतिहासिक संदर्भ

मोदी और शी के बीच पिछली बैठकें, जैसे 2019 का महाबलीपुरम शिखर सम्मेलन और 2018 का वुहान शिखर सम्मेलन, द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और सीमा मुद्दों को संबोधित करने पर केंद्रित थीं। नेताओं ने बाली में G20 और जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के दौरान भी मुलाकात की है।

सीमा तनाव को हल करने और व्यापार संबंधों में सुधार के लिए चल रहे प्रयास भारत-चीन संबंधों को स्थिर करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Doubts Revealed


कज़ान -: कज़ान रूस में एक शहर है। यह अपनी समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। इस संदर्भ में, यह वह स्थान है जहाँ नेता मिल रहे हैं।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन -: ब्रिक्स पाँच देशों का समूह है: ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका। वे आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं। शिखर सम्मेलन इन देशों के नेताओं की एक सभा है।

वास्तविक नियंत्रण रेखा -: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) भारत और चीन के बीच की सीमा है। यह स्पष्ट रूप से चिह्नित रेखा नहीं है, जो कभी-कभी विवादों का कारण बनती है। यह भारत के लद्दाख के पूर्वी भाग में स्थित है।

व्यापार असंतुलन -: व्यापार असंतुलन तब होता है जब एक देश दूसरे देश से अधिक खरीदता है जितना वह उसे बेचता है। इससे आर्थिक समस्याएँ हो सकती हैं। भारत और चीन अपने व्यापार को बेहतर संतुलित करने पर चर्चा कर रहे हैं।

द्विपक्षीय संबंध -: द्विपक्षीय संबंध दो देशों के बीच के संबंध को संदर्भित करता है। इसमें व्यापार, राजनीतिक, और सांस्कृतिक बातचीत शामिल होती है। इन संबंधों को सुधारने से बेहतर सहयोग और शांति हो सकती है।
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