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बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर स्कूल घटना पर लिया संज्ञान

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर स्कूल घटना पर लिया संज्ञान

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर स्कूल घटना पर लिया संज्ञान

बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल में दो चौथी कक्षा की लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न का संज्ञान लिया है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण करेंगे।

17 अगस्त को पुलिस ने एक स्कूल अटेंडेंट को लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में गिरफ्तार किया, जिससे बदलापुर में व्यापक आक्रोश फैल गया। विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके कारण पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और गिरफ्तारियां भी हुईं।

महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MSCPCR) ने हर पुलिस स्टेशन में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष इकाइयां बनाने का प्रस्ताव रखा है। अध्यक्ष सुसिबेन शाह ने इस तरह के मामलों को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए समर्पित कर्मियों की आवश्यकता पर जोर दिया।

इससे पहले, पुलिस ने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया, जहां प्रदर्शनकारियों ने पटरियों को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई थीं। स्थिति अब सामान्य हो गई है।

Doubts Revealed


बॉम्बे हाई कोर्ट -: बॉम्बे हाई कोर्ट मुंबई, महाराष्ट्र में एक बड़ा कोर्ट है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।

बदलापुर -: बदलापुर महाराष्ट्र राज्य में एक शहर है। यह वह जगह है जहाँ स्कूल की घटना हुई थी।

यौन उत्पीड़न -: यौन उत्पीड़न का मतलब है कि किसी को बहुत बुरी और अनुचित तरीके से चोट पहुँचाई गई। यह एक गंभीर अपराध है।

चौथी कक्षा -: चौथी कक्षा का मतलब है वे छात्र जो अपने स्कूल के चौथे वर्ष में होते हैं, आमतौर पर लगभग 9-10 साल के होते हैं।

विरोध प्रदर्शन -: विरोध प्रदर्शन तब होते हैं जब लोग इकट्ठा होते हैं यह दिखाने के लिए कि वे किसी चीज़ से नाखुश हैं और वे इसे बदलना चाहते हैं।

गिरफ्तारी -: गिरफ्तारी तब होती है जब पुलिस किसी को हिरासत में लेती है क्योंकि उन्हें लगता है कि उस व्यक्ति ने कुछ गलत किया है।

महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग -: यह महाराष्ट्र में एक समूह है जो यह सुनिश्चित करने के लिए काम करता है कि बच्चे सुरक्षित हैं और उनके अधिकारों की रक्षा की जाती है।

महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष इकाइयाँ -: ये पुलिस स्टेशनों में विशेष टीमें होती हैं जो मुसीबत में पड़ी महिलाओं और बच्चों की मदद पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

अध्यक्ष सुसिबेन शाह -: सुसिबेन शाह महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नेता हैं।

पुलिस हस्तक्षेप -: पुलिस हस्तक्षेप का मतलब है कि पुलिस ने समस्या को हल करने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए।
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