बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे कार दुर्घटना मामले में नाबालिग को जमानत दी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे कार दुर्घटना मामले में नाबालिग को जमानत दी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे कार दुर्घटना मामले में नाबालिग को जमानत दी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे कार दुर्घटना मामले में आरोपी नाबालिग को जमानत दे दी है। कोर्ट ने नाबालिग को उसके पितृ पक्ष की चाची की देखरेख में छोड़ने का आदेश दिया, यह मानते हुए कि किशोर न्याय बोर्ड (JJB) के रिमांड आदेश अवैध थे और अधिकार क्षेत्र के बिना पारित किए गए थे।

वकील का बयान

नाबालिग आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल ने बताया कि बच्चे को 19 मई, 2024 को गिरफ्तार किया गया था और 22 मई, 2024 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। हालांकि, JJB ने विरोधाभासी कानूनों के तहत बच्चे को हिरासत में लिया, जिसे अवैध माना गया। हाई कोर्ट ने इन आदेशों को रद्द कर दिया और बच्चे की तत्काल रिहाई का आदेश दिया।

मुख्यमंत्री का आश्वासन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुर्घटना में मारे गए दो इंजीनियरों के माता-पिता से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मामले को तेजी से निपटाया जाएगा। शिंदे ने पुलिस को पुणे में अवैध पब और ड्रग तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया।

दुर्घटना का विवरण

यह दुर्घटना 19 मई, 2024 को हुई थी, जब एक कार, जिसे कथित तौर पर एक नशे में धुत 17 वर्षीय लड़के द्वारा चलाया जा रहा था, ने बाइक पर सवार दो आईटी पेशेवरों को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। जांच में लड़के के परिवार द्वारा सबूत छिपाने के प्रयासों का खुलासा हुआ। नाबालिग के पिता, विशाल अग्रवाल, को जमानत मिल गई, जबकि उसके दादा अभी भी हिरासत में हैं।

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