मुंबई कॉलेज में हिजाब बैन के खिलाफ याचिका खारिज, बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला

मुंबई कॉलेज में हिजाब बैन के खिलाफ याचिका खारिज, बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला

मुंबई कॉलेज में हिजाब बैन के खिलाफ याचिका खारिज, बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला

बॉम्बे हाई कोर्ट ने नौ महिला छात्रों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मुंबई के एक कॉलेज में हिजाब, नकाब, बुरखा, स्टोल और टोपी पहनने पर प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी। यह निर्णय न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने लिया।

पृष्ठभूमि

जुलाई में, दूसरे और तीसरे वर्ष की विज्ञान की डिग्री कोर्स की छात्राओं ने चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज द्वारा जारी निर्देश का विरोध किया था। छात्रों का दावा था कि यह प्रतिबंध उनके धर्म का पालन करने, निजता के अधिकार और पसंद के अधिकार का उल्लंघन करता है।

तर्क

छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अल्ताफ खान ने तर्क दिया कि यह ड्रेस कोड कानूनी अधिकार के बिना लगाया गया था और यह छात्रों के पसंद, शारीरिक अखंडता और स्वायत्तता के अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने इस मामले को कर्नाटक के एक समान मामले से अलग बताया, यह कहते हुए कि मुंबई कॉलेज में पहले से कोई यूनिफॉर्म नीति नहीं थी।

दूसरी ओर, कॉलेज का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अनिल अंतुरकर ने कहा कि यह ड्रेस कोड एक अनुशासनात्मक उपाय था और किसी विशेष समुदाय को लक्षित नहीं करता था। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह ड्रेस कोड सभी छात्रों पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो।

कोर्ट का निर्णय

कोर्ट ने कॉलेज के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया, कॉलेज की ड्रेस कोड नीति को बरकरार रखा।

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