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अखिलेश यादव ने यूपी में नए धर्मांतरण विरोधी बिल पर बीजेपी की आलोचना की

अखिलेश यादव ने यूपी में नए धर्मांतरण विरोधी बिल पर बीजेपी की आलोचना की

अखिलेश यादव ने यूपी में नए धर्मांतरण विरोधी बिल पर बीजेपी की आलोचना की

31 जुलाई 2024 को, उत्तर प्रदेश विधान सभा ने अवैध धर्मांतरण निषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पारित किया। इस विधेयक में जबरन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण के लिए आजीवन कारावास सहित कठोर दंड का प्रावधान है।

समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर विकास के बजाय राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “वे केवल राजनीति कर रहे हैं क्योंकि वे विकास नहीं करना चाहते।”

एसपी नेता फखरुल हसन चांद ने भी इस विधेयक की आलोचना की और इसे बेरोजगारी और पेपर लीक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला बताया। उन्होंने कहा, “बीजेपी केवल नकारात्मक राजनीति करना चाहती है। यह बेरोजगारी और पेपर लीक के बारे में कुछ नहीं करना चाहती।”

विधेयक का विवरण

यह विधेयक यूपी के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किया गया था और इसका उद्देश्य धर्मांतरण विरोधी कानूनों को और सख्त बनाना है। इसमें किसी को धमकाने, हमला करने, शादी करने, शादी का वादा करने, साजिश करने या तस्करी करने के इरादे से धर्मांतरण करने के लिए कठोर दंड शामिल हैं।

Doubts Revealed


अखिलेश यादव -: अखिलेश यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ और समाजवादी पार्टी के नेता हैं। वह 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे।

बीजेपी -: बीजेपी का मतलब भारतीय जनता पार्टी है। यह भारत की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है, जो अपनी राष्ट्रवादी नीतियों के लिए जानी जाती है।

धर्मांतरण विरोधी विधेयक -: धर्मांतरण विरोधी विधेयक एक कानून है जिसका उद्देश्य लोगों को जबरदस्ती या धोखे से धर्म बदलने से रोकना है। इस मामले में, यह उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय है।

उत्तर प्रदेश -: उत्तर प्रदेश उत्तरी भारत का एक राज्य है। यह देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है और इसका सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर समृद्ध है।

समाजवादी पार्टी -: समाजवादी पार्टी भारत की एक राजनीतिक पार्टी है, जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में आधारित है। यह सामाजिक न्याय और समानता पर ध्यान केंद्रित करती है।

धर्मांतरण की रोकथाम (संशोधन) विधेयक 2024 -: यह उत्तर प्रदेश में पारित एक विशेष कानून है जिसका उद्देश्य लोगों को जबरदस्ती या धोखे से धर्म बदलने से रोकना है। 2024 में संशोधन ने दंड को और भी कठोर बना दिया।

यूपी विधान सभा -: यूपी विधान सभा उत्तर प्रदेश राज्य के लिए कानून बनाने वाली संस्था है। यह वह जगह है जहां निर्वाचित प्रतिनिधि कानूनों पर चर्चा और पारित करते हैं।

सुरेश खन्ना -: सुरेश खन्ना बीजेपी के एक राजनीतिज्ञ हैं और उत्तर प्रदेश में संसदीय कार्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने नया धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया।

आजीवन कारावास -: आजीवन कारावास का मतलब है कि किसी को जीवन भर के लिए जेल भेज दिया जाए। इस संदर्भ में, यह किसी को जबरदस्ती धर्म बदलने के लिए मजबूर करने की सजा है।

धोखाधड़ी से धर्मांतरण -: धोखाधड़ी से धर्मांतरण तब होता है जब किसी को धोखे या छल से धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है। यह नए विधेयक के तहत अवैध माना जाता है।

विकास -: विकास का मतलब है किसी क्षेत्र या देश की प्रगति और सुधार, जिसमें बेहतर बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं।

फखरुल हसन चांद -: फखरुल हसन चांद समाजवादी पार्टी के एक नेता हैं। उन्होंने नए धर्मांतरण विरोधी विधेयक की आलोचना भी की, यह कहते हुए कि यह बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाता है।

बेरोजगारी -: बेरोजगारी का मतलब है नौकरी न होना। यह कई जगहों पर एक बड़ा मुद्दा है, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है, जहां लोग काम की तलाश में हैं लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा।
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