वाराणसी में डॉक्टरों ने 8 साल से फंसे सिक्के को आदमी की श्वासनली से निकाला
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के श्री सुंदरलाल अस्पताल में डॉक्टरों ने एक दुर्लभ सर्जरी में 40 वर्षीय व्यक्ति की श्वासनली से 25 पैसे का सिक्का सफलतापूर्वक निकाला। यह सिक्का पिछले आठ सालों से वहां फंसा हुआ था।
सर्जरी
कार्डियो-थोरेसिक सर्जन प्रोफेसर सिद्धार्थ लखोटिया और प्रोफेसर एसके माथुर के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने यह प्रक्रिया की, जो 20 मिनट तक चली। डॉ. लखोटिया ने बताया कि वयस्कों की श्वासनली में वस्तुएं फंसना असामान्य है क्योंकि उनकी खांसी की प्रतिक्रिया मजबूत होती है, जिससे यह मामला विशेष रूप से दुर्लभ बनता है।
चिकित्सीय जानकारी
एनेस्थिसियोलॉजी विभाग की डॉ. अमृता राठ ने इस तरह की प्रक्रियाओं के लिए उच्च स्तर की सटीकता की आवश्यकता पर जोर दिया, यह बताते हुए कि थोड़ी सी भी गलती जानलेवा हो सकती है। सिक्का निकालने के लिए एक उन्नत कठोर ब्रोंकोस्कोप का उपयोग किया गया।
टीम का प्रयास
एक अन्य कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. रत्नेश कुमार ने बताया कि यह सुविधा पूर्वी उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में केवल बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में उपलब्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि वयस्कों के श्वासनली में विदेशी वस्तुएं फंसने का खतरा तब होता है जब वे मुंह में कुछ लेकर सोते हैं या शराब या ड्रग्स के प्रभाव में होते हैं।
सर्जरी में त्रिवेंद्र त्यागी, आनंद कुमार, ओम प्रकाश, बैजनाथ पाल, विकास और संजय सहित सहायक स्टाफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पिछली सफलता
हाल ही में, बीएचयू के डॉक्टरों ने एक मरीज की श्वासनली से अलमारी की चाबी भी सफलतापूर्वक निकाली थी, जो वहां 10 साल से फंसी हुई थी।
मरीज अब ठीक है और प्रक्रिया के एक दिन के भीतर अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।