बेंगलुरु में इमारत गिरने से नौ की मौत, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के बेंगलुरु में बाबूसबपल्या क्षेत्र में एक निर्माणाधीन इमारत 22 अक्टूबर को गिर गई, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई। यह घटना होरामावु अगरा क्षेत्र में भारी बारिश के दौरान हुई। शुक्रवार को एक और शव मिलने से मृतकों की संख्या बढ़ गई।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्थल का दौरा किया और मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने घायलों के चिकित्सा खर्चों को सरकार द्वारा वहन करने का आश्वासन दिया और अस्पताल में उनसे मिलने के बाद आगे की सहायता पर निर्णय लेने की बात कही।
जांच और कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि इमारत अवैध थी और घटिया निर्माण के कारण गिरी, न कि बारिश के कारण। उन्होंने ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को सभी अवैध निर्माण रोकने का निर्देश दिया। जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस और निलंबन जारी किए गए हैं।
विपक्ष की आलोचना
कर्नाटक विधानसभा के विपक्ष के नेता आर अशोक ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इमारत की ऊंचाई के लिए अनुमति पर सवाल उठाया। उन्होंने सरकार को जानमाल के नुकसान के लिए दोषी ठहराया।
कानूनी कार्यवाही
मुनीराजारेड्डी, मोहन रेड्डी और एलुमलाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मुनीराजारेड्डी के बेटे भुवन रेड्डी और ठेकेदार मुनियप्पा को इस घटना के संबंध में गिरफ्तार किया गया है।
Doubts Revealed
बेंगलुरु -: बेंगलुरु भारत का एक बड़ा शहर है, जो अपनी प्रौद्योगिकी कंपनियों और सुखद मौसम के लिए जाना जाता है। यह कर्नाटक राज्य की राजधानी है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया -: सिद्धारमैया भारत के एक राजनेता हैं जो कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं, जिसका मतलब है कि वह उस राज्य की सरकार के प्रमुख हैं।
₹ 5 लाख -: ₹ 5 लाख का मतलब 500,000 भारतीय रुपये है। यह पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे के रूप में दी जाने वाली धनराशि है।
अनधिकृत इमारत -: एक अनधिकृत इमारत वह होती है जिसे बिना सरकारी अनुमति या स्वीकृति के बनाया गया हो, जो इसे असुरक्षित बना सकता है।
विपक्षी नेता आर अशोक -: आर अशोक कर्नाटक के एक राजनेता हैं जो विपक्षी पार्टी का हिस्सा हैं, जिसका मतलब है कि वह सत्तारूढ़ सरकार में नहीं हैं और अक्सर उनके कार्यों की आलोचना करते हैं।
एफआईआर -: एफआईआर का मतलब फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट है। यह एक दस्तावेज है जो भारत में पुलिस द्वारा तब तैयार किया जाता है जब उन्हें किसी अपराध की सूचना मिलती है।