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भारत में घर बनाने की गति तेज: बड़े प्रोजेक्ट्स अब जल्दी पूरे हो रहे हैं

भारत में घर बनाने की गति तेज: बड़े प्रोजेक्ट्स अब जल्दी पूरे हो रहे हैं

भारत में घर बनाने की गति तेज: बड़े प्रोजेक्ट्स अब जल्दी पूरे हो रहे हैं

भारत के रियल एस्टेट बाजार में एक बड़ा बदलाव आया है, जहां बड़े आवासीय प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का समय काफी कम हो गया है। अनारॉक ग्रुप के अनुसार, 2014 से 2024 की पहली छमाही तक, शीर्ष सात शहरों में 500 या उससे अधिक यूनिट्स वाले प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का औसत समय 6.1 साल से घटकर 4.9 साल हो गया है। इस 20% सुधार का श्रेय रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA), बेहतर निर्माण तकनीक और स्थापित डेवलपर्स को जाता है।

मुख्य कारक

अनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि प्रोजेक्ट्स में देरी पर सख्त नियम और डेवलपर्स की वित्तीय स्थिति ने बड़ी भूमिका निभाई है। NCR और MMR जैसे क्षेत्रों में, डेवलपर्स अक्सर जमीन खरीदते हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और डिलीवरी समय प्रभावित होता है। इसके विपरीत, दक्षिणी शहरों में आमतौर पर संयुक्त विकास होते हैं, जहां जमीन मालिकों को विकसित यूनिट्स का हिस्सा मिलता है।

छोटे प्रोजेक्ट्स को भी लाभ

100 से 500 यूनिट्स वाले छोटे आवासीय प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का समय भी घटकर 4.0 साल हो गया है, जो पिछले दशक में 4.9 साल था। इससे 2019 की पहली छमाही से 2024 की उसी अवधि तक अनसोल्ड इन्वेंटरी में 13% की कमी आई है।

चुनौतियाँ और आशावाद

NCR में अत्यधिक मौसम और नियामक बाधाओं जैसी चुनौतियों के बावजूद, समग्र दृष्टिकोण सकारात्मक है। चल रहे नवाचार भविष्य में और भी अधिक दक्षता का वादा करते हैं।

RERA

residential projects

unsold inventory

regulatory constraints

established developers

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