असम में बाढ़: मोरीगांव में 55,000 से अधिक प्रभावित, मंत्री अतुल बोरा ने किया दौरा
मोरीगांव, असम, 4 जुलाई: असम में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जिससे मोरीगांव जिले में 55,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मोरीगांव जिला प्रशासन के अनुसार, 194 गांव जलमग्न हो गए हैं, जिससे हजारों लोग तटबंधों और सड़कों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।
गांववालों की परेशानियाँ
भुरागांव की चंदिनी देवी ने अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि उनके परिवार को पिछले चार दिनों से अस्थायी तंबू में रहना पड़ रहा है क्योंकि बाढ़ का पानी उनके घर में घुस गया है। एक अन्य गांववासी, दिपेन डेका ने बताया कि कई लोगों ने कीमती सामान खो दिया है और वे अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
मंत्री का दौरा
असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और विस्थापित लोगों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर घट रहा है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर है। बोरा ने जोर देकर कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों को राहत और सहायता प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
कृषि और वन्यजीवों पर प्रभाव
बाढ़ ने मोरीगांव में 12,963 हेक्टेयर फसल क्षेत्र और राज्य भर में लगभग 40,000 हेक्टेयर क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 17 वन्यजीव, जिनमें एक गैंडे का बछड़ा भी शामिल है, डूब गए हैं, जबकि 72 को बचाया गया है। उद्यान अभी भी बुरी तरह प्रभावित है, जिसमें 173 वन शिविर जलमग्न हैं।
राज्यव्यापी प्रभाव
कुल मिलाकर, असम के 29 जिलों में 16.25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बचाव कार्य जारी हैं, जिसमें कई एजेंसियां लोगों की जान बचाने और सहायता प्रदान करने में लगी हुई हैं। सरकार ने 515 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें 3.86 लाख से अधिक लोग शरण ले रहे हैं।