दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज की, स्वाति मालीवाल हमले का मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज की, स्वाति मालीवाल हमले का मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह मामला आम आदमी पार्टी (AAP) की सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले से जुड़ा है। कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता और गवाहों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया।

मामले का विवरण

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता ने कहा कि कुमार की स्थिति के बावजूद, उनका प्रभाव जांच को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एफआईआर दर्ज करने में देरी से शिकायत की विश्वसनीयता पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि हमले के बाद मालीवाल सदमे में थीं।

आरोप और सबूत

कोर्ट ने बताया कि केवल चयनित सीसीटीवी फुटेज ही प्रस्तुत किए गए थे और महत्वपूर्ण सबूतों को छुपाया गया था। इसके अलावा, कुमार का मोबाइल फोन जब्त होने से पहले फॉर्मेट किया गया था, जो सबूत छुपाने का संकेत देता है।

स्वाति मालीवाल के बयान

स्वाति मालीवाल ने गवाही दी कि कुमार ने उन पर हमला किया और उन्हें धमकियां दीं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में थी। दिल्ली पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन ने जमानत का विरोध किया, यह कहते हुए कि कुमार का प्रभाव और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना है।

रक्षा के तर्क

कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने तर्क दिया कि एफआईआर दर्ज करने में देरी और मुख्यमंत्री कार्यालय में मालीवाल की नियुक्ति न होने से आरोपों पर संदेह होता है। कुमार ने दावा किया कि जांच पक्षपाती है और मालीवाल के खिलाफ उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया गया।

निष्कर्ष

कोर्ट ने गवाहों और सबूतों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके कारण बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। मामला अभी भी जारी है और दोनों पक्ष अपने तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं।

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