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भारत के सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण मुक्त जीवन को मौलिक अधिकार बताया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण मुक्त जीवन को मौलिक अधिकार बताया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण मुक्त जीवन को मौलिक अधिकार बताया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदूषण मुक्त वातावरण में जीने के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में रेखांकित किया है। यह घोषणा तब आई जब अदालत ने दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने में दिल्ली अधिकारियों की विफलता पर सवाल उठाया, जो नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

पटाखों पर प्रतिबंध का पालन

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली पुलिस की पटाखों पर प्रतिबंध को गंभीरता से न लेने पर असंतोष व्यक्त किया। अदालत ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को सभी लाइसेंस धारकों को पटाखे बेचना बंद करने और दिल्ली में ऑनलाइन बिक्री न होने की सुनिश्चितता का निर्देश दिया।

पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई

अदालत ने पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मुद्दे को भी संबोधित किया, नियमों के सख्त पालन की मांग की और शामिल किसानों के खिलाफ अभियोजन की कमी पर सवाल उठाया। केंद्र ने किसानों को पराली जलाने से निपटने में मदद के लिए पंजाब के धन के अनुरोध को खारिज कर दिया।

भविष्य की योजनाएं

दिल्ली सरकार पूरे वर्ष पटाखों पर प्रतिबंध बढ़ाने पर विचार कर रही है, जिसका निर्णय 25 नवंबर तक अपेक्षित है। अदालत ने सभी एनसीआर राज्यों से उनके प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर रिपोर्ट मांगी है।

Doubts Revealed


भारत का सर्वोच्च न्यायालय -: भारत का सर्वोच्च न्यायालय देश की सबसे ऊँची अदालत है। यह सभी भारतीयों के लिए कानूनों और अधिकारों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

प्रदूषण-मुक्त जीवन -: प्रदूषण-मुक्त जीवन का मतलब है एक ऐसे वातावरण में रहना जहाँ हवा, पानी और भूमि साफ हों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों।

मौलिक अधिकार -: मौलिक अधिकार एक बुनियादी अधिकार है जो हर नागरिक के पास होता है, जिसे भारत के संविधान द्वारा संरक्षित किया जाता है।

अनुच्छेद 21 -: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 हर व्यक्ति को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है।

दिल्ली प्राधिकरण -: दिल्ली प्राधिकरण वे लोग और संगठन हैं जो दिल्ली शहर का प्रबंधन और शासन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

पटाखा प्रतिबंध -: पटाखा प्रतिबंध का मतलब है कि लोगों को पटाखे बेचने या उपयोग करने की अनुमति नहीं है, आमतौर पर प्रदूषण और शोर को रोकने के लिए।

दिवाली -: दिवाली भारत में मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय हिंदू प्रकाश पर्व है, जहाँ लोग दीप जलाते हैं और पटाखे फोड़ते हैं।

पराली जलाना -: पराली जलाना खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने की प्रथा है, जो वायु प्रदूषण का कारण बन सकती है।

पंजाब और हरियाणा -: पंजाब और हरियाणा उत्तरी भारत के राज्य हैं जहाँ बहुत खेती होती है, और कभी-कभी किसान फसल अवशेष जलाते हैं।
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