अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या-क्या फायदे हुए: मंत्री नित्यानंद राय
नई दिल्ली [भारत], 6 अगस्त: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने घोषणा की कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों को अब सभी संवैधानिक अधिकार मिल गए हैं। यह बयान लोकसभा में सांसद विवेक ठाकुर के एक सवाल के जवाब में दिया गया।
अनुच्छेद हटने से पहले की स्थिति
अनुच्छेद हटने से पहले, 1947 में आए पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों (WPRs) जैसे कुछ समूहों को गैर-स्थायी निवासी माना जाता था और उन्हें संपत्ति के अधिकार, राज्य रोजगार और स्थानीय चुनावों में मतदान का अधिकार नहीं था। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJK) से विस्थापित व्यक्तियों को स्थायी निवासी माना जाता था।
अनुच्छेद हटने के बाद के बदलाव
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद, अब सभी संवैधानिक अधिकार सभी को उपलब्ध हैं, जिसमें संपत्ति का अधिकार, राज्य रोजगार और मतदान का अधिकार शामिल है। इस बदलाव से पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों, वाल्मीकि समुदाय और सफाई-कर्मचारियों जैसे समूहों को लाभ हुआ है।
क्षेत्र का परिवर्तन
अनुच्छेद हटने के बाद, क्षेत्र को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया: जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख।
Doubts Revealed
नित्यानंद राय -: नित्यानंद राय भारत में एक राजनेता हैं जो गृह मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य करते हैं। वह देश की आंतरिक सुरक्षा और घरेलू नीतियों का प्रबंधन करने में मदद करते हैं।
अनुच्छेद 370 -: अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में एक विशेष कानून था जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता था। इसने क्षेत्र को अपने कानून बनाने की अनुमति दी और भारतीय सरकार की शक्ति को सीमित कर दिया।
निरसन -: निरसन का मतलब है किसी चीज़ को आधिकारिक रूप से समाप्त या रद्द करना। इस संदर्भ में, इसका मतलब है कि भारतीय सरकार ने अनुच्छेद 370 द्वारा जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया।
जम्मू और कश्मीर -: जम्मू और कश्मीर उत्तरी भारत का एक क्षेत्र है। इसे अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था लेकिन अब यह भारत का एक सामान्य हिस्सा है और देश के बाकी हिस्सों के समान कानून हैं।
पश्चिम पाकिस्तानी शरणार्थी -: पश्चिम पाकिस्तानी शरणार्थी वे लोग हैं जो 1947 में विभाजन के दौरान पाकिस्तान से भारत आए थे। वे जम्मू और कश्मीर में बस गए थे लेकिन अनुच्छेद 370 हटने तक उन्हें पूर्ण अधिकार नहीं मिले थे।
केंद्र शासित प्रदेश -: केंद्र शासित प्रदेश भारत के वे क्षेत्र हैं जो सीधे केंद्रीय सरकार द्वारा शासित होते हैं। अनुच्छेद 370 के निरसन के बाद जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बन गए।
संवैधानिक अधिकार -: संवैधानिक अधिकार वे बुनियादी अधिकार हैं जो भारतीय संविधान द्वारा सभी नागरिकों को दिए गए हैं। इनमें मतदान, संपत्ति का स्वामित्व और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अधिकार शामिल हैं।