दिल्ली कोर्ट ने हरियाणा परीक्षा पेपर लीक मामले में पूर्व रजिस्ट्रार और अन्य को सजा सुनाई

दिल्ली कोर्ट ने हरियाणा परीक्षा पेपर लीक मामले में पूर्व रजिस्ट्रार और अन्य को सजा सुनाई

दिल्ली कोर्ट ने हरियाणा परीक्षा पेपर लीक मामले में पूर्व रजिस्ट्रार और अन्य को सजा सुनाई

नई दिल्ली, भारत – दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) परीक्षा पेपर लीक मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व रजिस्ट्रार सहित दो व्यक्तियों को सजा सुनाई है।

मुख्य व्यक्ति और सजा

पूर्व रजिस्ट्रार बलविंदर कुमार शर्मा और मुख्य आरोपी सुनीता को 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। शर्मा पर 1,50,000 रुपये का जुर्माना और सुनीता पर 60,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तीसरी दोषी, सुशीला, को पहले से ही ट्रायल के दौरान बिताए गए समय के आधार पर रिहा कर दिया गया, लेकिन उस पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला 2017 हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक से संबंधित है। प्रारंभ में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जांच की गई थी, जिसे बाद में फरवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।

दोषसिद्धि और आरोप

कोर्ट ने सुनीता को आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 409 (सार्वजनिक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 411 (चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी अधिनियम) की धारा 13(1)(डी) के तहत दोषी ठहराया। शर्मा को भी इन्हीं आईपीसी धाराओं और पीसी अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया, जबकि सुशीला को आईपीसी की धारा 411 के तहत दोषी ठहराया गया। छह अन्य आरोपियों को अपर्याप्त सबूतों के कारण बरी कर दिया गया।

अभियोजन पक्ष की दलीलें

विशेष लोक अभियोजक चरणजीत सिंह बख्शी ने तर्क दिया कि सबूत स्पष्ट रूप से स्थापित करते हैं कि 2017 एचसीएस (न्यायिक) पेपर शर्मा द्वारा लीक किया गया था। उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया पर ऐसे लीक के हानिकारक प्रभाव पर जोर दिया और सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानूनों और सुधारों की मांग की।

रक्षा पक्ष के दावे

बलविंदर कुमार शर्मा ने दावा किया कि परीक्षा के पेपर उच्च न्यायालय समिति के कब्जे में थे, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति अजय कुमार मित्तल कर रहे थे और आरोप लगाया कि उन्हें फंसाने के लिए एक फर्जी जांच का आदेश दिया गया था।

हाल के घटनाक्रम

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में न्यायाधीशों के पेपर लीक मामले के ट्रायल को समाप्त करने के लिए तीन महीने का विस्तार दिया है, जिसमें दिन-प्रतिदिन की सुनवाई का निर्देश दिया गया है।

Doubts Revealed


रजिस्ट्रार -: एक रजिस्ट्रार एक कॉलेज या विश्वविद्यालय में एक अधिकारी होता है जो छात्रों और परीक्षाओं के रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार होता है।

राउस एवेन्यू कोर्ट -: राउस एवेन्यू कोर्ट दिल्ली में एक विशेष अदालत है जो भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर अपराधों से संबंधित मामलों से निपटती है।

हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) -: यह एक परीक्षा है उन लोगों के लिए जो हरियाणा राज्य में न्यायाधीश बनना चाहते हैं।

लीक -: इस संदर्भ में लीक का मतलब है कि परीक्षा के पेपर परीक्षा से पहले कुछ लोगों के साथ साझा किए गए थे, जो अनुचित और अवैध है।

सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत की सर्वोच्च अदालत है। यह महत्वपूर्ण कानूनी मामलों पर अंतिम निर्णय लेती है।

बरी -: बरी का मतलब है कि अदालत ने फैसला किया कि ये लोग अपराध के दोषी नहीं थे।

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