दिल्ली में वायु प्रदूषण से श्वसन समस्याएं बढ़ीं, एम्स में मरीजों की संख्या बढ़ी

दिल्ली में वायु प्रदूषण से श्वसन समस्याएं बढ़ीं, एम्स में मरीजों की संख्या बढ़ी

दिल्ली में वायु प्रदूषण से श्वसन समस्याएं बढ़ीं

एम्स में मरीजों की संख्या में वृद्धि

दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ने से श्वसन समस्याओं वाले कई मरीज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पल्मोनोलॉजी विभाग में आ रहे हैं। डॉ. करण मदान, जो पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, ने बताया कि विशेष रूप से अस्थमा और सीओपीडी वाले मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

गंभीर लक्षण और अस्पताल में भर्ती

डॉ. मदान ने बताया कि कई मरीज गंभीर लक्षणों का सामना कर रहे हैं, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। उन्होंने इस अवधि के दौरान श्वसन स्थितियों वाले व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों पर जोर दिया।

मरीजों के लिए सलाह

डॉ. मदान ने मरीजों को सलाह दी कि वे घर के अंदर रहें और प्रदूषण के संपर्क को कम करने के लिए बाहरी गतिविधियों से बचें। उन्होंने अस्थमा के मरीजों के लिए घर के अंदर व्यायाम करने और नियमित रूप से इनहेलर का उपयोग करने की सिफारिश की।

Doubts Revealed


डॉ. करण मदान -: डॉ. करण मदान एक डॉक्टर हैं जो AIIMS में काम करते हैं, जो भारत का एक बड़ा अस्पताल है। वह दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण लोगों के बीमार होने के बारे में बात कर रहे हैं।

AIIMS -: AIIMS का मतलब ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज है। यह भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण अस्पताल और मेडिकल स्कूल है जहाँ डॉक्टर पढ़ाई और मरीजों का इलाज करते हैं।

श्वसन समस्याएँ -: श्वसन समस्याएँ साँस लेने से संबंधित समस्याएँ हैं। इसमें अस्थमा और COPD जैसी बीमारियाँ शामिल हो सकती हैं, जो लोगों के लिए सही से साँस लेना मुश्किल बनाती हैं।

दिल्ली का वायु प्रदूषण -: दिल्ली का वायु प्रदूषण दिल्ली में गंदी हवा को संदर्भित करता है जो कारों, फैक्ट्रियों और कचरा जलाने जैसी चीजों के कारण होती है। यह प्रदूषण साँस लेना मुश्किल बना सकता है और स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है।

अस्थमा -: अस्थमा एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति के वायुमार्ग सूज जाते हैं और संकुचित हो जाते हैं, जिससे साँस लेना मुश्किल हो जाता है। अस्थमा वाले लोग अक्सर इनहेलर का उपयोग करते हैं ताकि वे बेहतर साँस ले सकें।

COPD -: COPD का मतलब क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज है। यह एक दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारी है जो साँस लेना मुश्किल बनाती है और अक्सर धूम्रपान या प्रदूषण के कारण होती है।

इनहेलर -: इनहेलर एक छोटा उपकरण है जो अस्थमा या अन्य श्वसन समस्याओं वाले लोगों को बेहतर साँस लेने में मदद करता है। यह दवा को सीधे फेफड़ों में पहुँचाता है।

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