भारत में OTT प्लेटफार्मों के नियमन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

भारत में OTT प्लेटफार्मों के नियमन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

भारत में OTT प्लेटफार्मों के नियमन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

मंगलवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें देश में ओवर-द-टॉप (OTT) और स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक नियामक बोर्ड की स्थापना की मांग की गई है।

नियमन की आवश्यकता

याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने कहा कि ये प्लेटफार्म पारंपरिक मीडिया, जैसे फिल्में और टीवी, के समान जांच और संतुलन के बिना काम करते हैं। उन्होंने बताया कि OTT सामग्री रिलीज़ से पहले किसी प्रमाणन प्रक्रिया से नहीं गुजरती, जिससे स्पष्ट दृश्यों, हिंसा, मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अन्य हानिकारक सामग्री में वृद्धि हो रही है, अक्सर बिना उचित चेतावनी के।

वर्तमान नियम और खामियां

भारत सरकार और सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने OTT प्लेटफार्मों को आत्म-नियमन के लिए IT नियम 2021 पेश किए; हालांकि, याचिका का दावा है कि ये नियम अप्रभावी रहे हैं। झा ने उल्लेख किया कि ये प्लेटफार्म खामियों का फायदा उठाते रहते हैं, बिना किसी जांच के विवादास्पद सामग्री डालते हैं, जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है और जुआ और मादक पदार्थों जैसी चीजों को बढ़ावा देता है।

स्वायत्त निकाय की मांग

याचिका विभिन्न OTT/स्ट्रीमिंग और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों पर सामग्री की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक उचित बोर्ड या संस्था की स्थापना की मांग करती है। झा ने सुझाव दिया कि बोर्ड का नेतृत्व सचिव स्तर के एक IAS अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए और इसमें फिल्म, सिनेमैटोग्राफिक, मीडिया, रक्षा बलों, कानूनी क्षेत्र और शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों के सदस्य शामिल होने चाहिए।

समान अवसर

याचिका में यह भी उठाया गया कि डिजिटल सामग्री को नियंत्रित करने वाला कोई कानून या स्वायत्त निकाय नहीं है, जिससे यह बिना किसी फिल्टर या स्क्रीनिंग के जनता के लिए उपलब्ध हो जाती है। झा ने तर्क दिया कि OTT प्लेटफार्मों के लिए प्रमाणन बोर्ड की अनुपस्थिति पारंपरिक मीडिया और डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं के बीच असमान अवसर पैदा करती है, क्योंकि पारंपरिक मीडिया को कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है जबकि OTT प्लेटफार्म काफी हद तक अनियमित वातावरण में काम करते हैं।

Doubts Revealed


सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत का सर्वोच्च न्यायालय है। यह देश में कानूनों और नियमों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

याचिका -: याचिका एक औपचारिक अनुरोध है जो अदालत या सरकार से किसी विशेष कार्रवाई या परिवर्तन के लिए किया जाता है।

नियमन -: नियमन का मतलब है कि किसी चीज़ को कैसे किया जाता है या प्रबंधित किया जाता है, इसके लिए नियम या कानून बनाना।

ओटीटी प्लेटफार्म -: ओटीटी का मतलब ओवर-द-टॉप है। ये सेवाएं जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, और हॉटस्टार हैं जो इंटरनेट पर फिल्में और शो स्ट्रीम करती हैं।

वकील -: वकील वह व्यक्ति है जो अदालत में लोगों का प्रतिनिधित्व करता है और कानूनी सलाह देता है।

शशांक शेखर झा -: शशांक शेखर झा वह वकील हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

पारंपरिक मीडिया -: पारंपरिक मीडिया में समाचार पत्र, टीवी चैनल, और रेडियो स्टेशन शामिल हैं जो लंबे समय से मौजूद हैं।

स्पष्ट सामग्री -: स्पष्ट सामग्री में वह सामग्री शामिल है जो बहुत स्पष्ट और विस्तृत होती है, अक्सर वयस्क विषयों को शामिल करती है जो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती।

स्वायत्त निकाय -: स्वायत्त निकाय एक स्वतंत्र संगठन है जो सरकार द्वारा नियंत्रित किए बिना स्वयं संचालित होता है।

डिजिटल सामग्री -: डिजिटल सामग्री किसी भी जानकारी या मनोरंजन को संदर्भित करती है जो ऑनलाइन उपलब्ध है, जैसे वीडियो, लेख, और संगीत।

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