दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की मानहानि मामले में याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की मानहानि मामले में याचिका खारिज की

दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की मानहानि मामले में याचिका खारिज की

नई दिल्ली, 2 सितंबर: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं द्वारा मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि नागरिकों को सच्ची और सटीक जानकारी का अधिकार है और राजनीतिक दलों द्वारा कीचड़ उछालना अस्वीकार्य है।

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता का बयान

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता ने कहा कि लोकतंत्र में नागरिकों को सच्ची और सटीक जानकारी का अधिकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा कीचड़ उछालना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने पाया कि AAP द्वारा भाजपा के खिलाफ लगाए गए आरोप मानहानिकारक थे और भाजपा को अनुचित राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए बदनाम करने का इरादा था।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मानहानि का मामला भाजपा दिल्ली नेता राजीव बब्बर द्वारा शुरू किया गया था, जिन्होंने केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भाजपा को बदनाम करने के लिए आरोप लगाया कि पार्टी ने दिल्ली के मतदाता सूची से 30 लाख नाम हटाए थे, मुख्य रूप से ‘बनिया’, मुस्लिम और अन्य समुदायों से। फरवरी 2020 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं के खिलाफ मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

हाल के घटनाक्रम

कोर्ट ने अब अपने अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया है जिसने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आतिशी और अन्य AAP नेताओं को ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन को रोक दिया था। कोर्ट ने सभी पक्षों को ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया है। AAP नेताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसमें दो कोर्ट आदेशों को रद्द करने की मांग की गई थी: 15 मार्च 2019 का मजिस्ट्रेट कोर्ट का आदेश और 28 जनवरी 2020 का सत्र कोर्ट का आदेश।

अतिरिक्त मानहानि मामले

जुलाई में, AAP नेता आतिशी मार्लेना के खिलाफ भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर द्वारा ‘AAP विधायकों को लुभाने’ के आरोपों पर मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने AAP नेता को इस मामले में जमानत दी थी।

तर्क और टिप्पणियाँ

राजीव बब्बर ने दावा किया कि AAP नेताओं के बयानों का उद्देश्य भाजपा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था, विशेष रूप से बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम मतदाता समूहों को लक्षित करके, जिससे शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति हुई। अरविंद केजरीवाल ने 2020 में दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था, यह तर्क देते हुए कि मानहानि की शिकायत बनाए रखने योग्य नहीं थी क्योंकि यह अस्पष्ट थी और यह स्पष्ट नहीं था कि ‘पीड़ित व्यक्ति’ कौन था। ट्रायल कोर्ट ने फरवरी 2020 में देखा कि केजरीवाल और अन्य द्वारा लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया मानहानिकारक थे और भाजपा से संबंधित थे। बब्बर ने तर्क दिया कि मतदाता सूची चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है, न कि भाजपा का।

Doubts Revealed


दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली में एक बड़ा न्यायालय है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।

अरविंद केजरीवाल -: अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, जिसका मतलब है कि वह दिल्ली सरकार के प्रमुख हैं।

मानहानि का मामला -: मानहानि का मामला तब होता है जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के बारे में झूठी बात कहता है जो उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती है, और हानि पहुंचने वाला व्यक्ति कानूनी कार्रवाई करता है।

आप -: आप का मतलब आम आदमी पार्टी है, जो भारत की एक राजनीतिक पार्टी है।

न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता -: न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश हैं जिन्होंने इस मामले में निर्णय लिया।

भाजपा -: भाजपा का मतलब भारतीय जनता पार्टी है, जो भारत की एक और राजनीतिक पार्टी है।

राजीव बब्बर -: राजीव बब्बर भाजपा के एक नेता हैं जिन्होंने आप नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला शुरू किया।

मतदाता सूची -: मतदाता सूची उन लोगों की सूची होती है जो चुनावों में वोट देने के लिए पात्र होते हैं।

निचली अदालत -: निचली अदालत वह होती है जहाँ एक मामला पहले सुना और निर्णय लिया जाता है, इससे पहले कि यह उच्च न्यायालयों में जा सके यदि आवश्यक हो।

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