जयपुर में गणेश चतुर्थी की तैयारी, पर्यावरण मित्र मूर्तियों का निर्माण

जयपुर में गणेश चतुर्थी की तैयारी, पर्यावरण मित्र मूर्तियों का निर्माण

जयपुर में गणेश चतुर्थी की तैयारी, पर्यावरण मित्र मूर्तियों का निर्माण

जयपुर में गणेश चतुर्थी की तैयारी जोरों पर है। मूर्तिकार पर्यावरण मित्र गणेश मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं, और बाजार में उत्सव का माहौल है। ये मूर्तियाँ विभिन्न आकार, डिज़ाइन और रंगों में उपलब्ध हैं और इन्हें पर्यावरण पर कम प्रभाव डालने के लिए अधिक मिट्टी और हर्बल रंगों का उपयोग करके बनाया जा रहा है।

एक मूर्तिकार ने बताया, “हम इस त्योहार की तैयारी लगभग 6 महीने पहले से शुरू कर देते हैं। मूर्तियों को सूखने में समय लगता है। सभी हिस्से अलग-अलग बनाए जाते हैं और फिर उन्हें जोड़ा जाता है। फिर हम प्लास्टर लगाते हैं और मूर्तियों को रंगते हैं। पूरा परिवार मूर्तियों को बनाने में अलग-अलग तरीकों से योगदान देता है। एक बड़ी मूर्ति बनाने में 8 से 10 दिन लगते हैं। हर मूर्ति पर 10 से 12 लोग काम करते हैं। हमारे पास 1 इंच से 10 फीट तक की मूर्तियाँ हैं।”

इस साल भारी बारिश के बावजूद, इन पर्यावरण मित्र मूर्तियों की मांग बनी हुई है। विभिन्न राज्यों से ऑर्डर आ रहे हैं और मूर्तिकार अपने ग्राहकों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। स्टॉक को खरीदारों की मांग और बुकिंग के अनुसार बनाए रखा जाता है।

Doubts Revealed


जयपुर -: जयपुर भारत का एक शहर है, जो अपने सुंदर महलों और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। यह राजस्थान राज्य की राजधानी है।

गणेश चतुर्थी -: गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है, जो बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं। लोग इस त्योहार के दौरान गणेश की मूर्तियाँ बनाते और पूजते हैं।

पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियाँ -: पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियाँ प्राकृतिक सामग्री जैसे मिट्टी और हर्बल रंगों से बनाई जाती हैं, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचातीं। ये पानी में आसानी से घुल जाती हैं और नदियों और झीलों को प्रदूषित नहीं करतीं।

मूर्तिकार -: मूर्तिकार वे कलाकार होते हैं जो मूर्तियाँ या प्रतिमाएँ बनाते हैं। इस संदर्भ में, वे गणेश चतुर्थी के लिए भगवान गणेश की मूर्तियाँ बना रहे हैं।

हर्बल रंग -: हर्बल रंग पौधों और प्राकृतिक सामग्री से बनाए जाते हैं। ये पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं और प्रदूषण नहीं करते।

भारी बारिश -: भारी बारिश का मतलब है थोड़े समय में बहुत अधिक बारिश होना। इससे बाढ़ जैसी समस्याएँ हो सकती हैं और बाहरी गतिविधियों और व्यवसायों पर असर पड़ सकता है।

राज्य -: भारत को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिन्हें राज्य कहा जाता है, जैसे राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडु। प्रत्येक राज्य की अपनी सरकार और संस्कृति होती है।

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