दिल्ली हाई कोर्ट के जज ने सुकेश चंद्रशेखर की वकीलों से अधिक मुलाकात की याचिका से खुद को अलग किया
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुब्रमोनियम प्रसाद ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। चंद्रशेखर जेल में अपने वकीलों के साथ अधिक मुलाकात की अनुमति मांग रहे हैं।
अलग होने का कारण
चंद्रशेखर के खिलाफ कई कानूनी मामलों के कारण जस्टिस प्रसाद ने खुद को अलग कर लिया, जिससे हितों का टकराव या अलग न्यायिक दृष्टिकोण की आवश्यकता हो सकती है।
याचिका का विवरण
चंद्रशेखर ने अपने वकीलों के साथ मुलाकातों की संख्या को सप्ताह में दो से बढ़ाकर पांच करने की अनुमति मांगी है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल मामले का हवाला दिया, जिसमें सप्ताह में पांच मुलाकातों की अनुमति दी गई थी।
वकील का बयान
चंद्रशेखर के वकील अनंत मलिक ने कहा कि याचिकाकर्ता को अपने कानूनी मामलों की जटिलता और व्यापकता के कारण वर्तमान वर्चुअल मुलाकातें अपर्याप्त लगती हैं, जिनमें उच्च-प्रोफ़ाइल भ्रष्टाचार और उगाही के मामले शामिल हैं।
व्यक्तिगत कठिनाइयाँ
याचिका में चंद्रशेखर की व्यक्तिगत कठिनाइयों पर जोर दिया गया, जिसमें उनके परिवार से अलगाव और उनकी पत्नी की कैद शामिल है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है और उनके वकीलों के साथ नियमित बातचीत की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
संवैधानिक अधिकार
याचिका में तर्क दिया गया कि कानूनी परामर्श पर वर्तमान प्रतिबंध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22(1) के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, जो किसी की पसंद के कानूनी प्रैक्टिशनर से परामर्श और बचाव का अधिकार सुनिश्चित करता है।
पृष्ठभूमि
चंद्रशेखर को पूर्व फोर्टिस प्रमोटर शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की उगाही के आरोप में जेल में डाला गया था, जिसमें उन्होंने उनके पति की जमानत दिलाने का झांसा दिया था।
Doubts Revealed
दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली, भारत में एक बड़ा न्यायालय है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।
न्यायाधीश ने पद छोड़ा -: जब एक न्यायाधीश पद छोड़ता है, तो इसका मतलब है कि न्यायाधीश ने किसी विशेष मामले का हिस्सा न बनने का निर्णय लिया है।
सुकश चंद्रशेखर -: सुकश चंद्रशेखर एक व्यक्ति है जो जेल में है और उसके पास कई कानूनी समस्याएँ हैं।
याचिका -: याचिका एक अनुरोध है जो अदालत से कुछ विशिष्ट मांगने के लिए किया जाता है।
न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद -: न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद दिल्ली उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश हैं।
स्वयं को अलग किया -: स्वयं को अलग किया का मतलब है कि न्यायाधीश ने मामले में शामिल न होने का निर्णय लिया है।
मुकदमे का कैदी -: मुकदमे का कैदी वह व्यक्ति है जो जेल में है लेकिन अदालत द्वारा अभी तक दोषी या निर्दोष नहीं पाया गया है।
अनुच्छेद 22(1) -: अनुच्छेद 22(1) भारतीय संविधान का एक हिस्सा है जो लोगों को अपने वकीलों से मिलने का अधिकार देता है।
भारतीय संविधान -: भारतीय संविधान वह नियम और कानूनों का सेट है जो भारत के शासन को मार्गदर्शित करता है।