इजरायली शोधकर्ताओं ने खोजा कि नाम कैसे समय के साथ चेहरे को आकार देते हैं

इजरायली शोधकर्ताओं ने खोजा कि नाम कैसे समय के साथ चेहरे को आकार देते हैं

इजरायली शोधकर्ताओं ने खोजा कि नाम कैसे समय के साथ चेहरे को आकार देते हैं

तेल अवीव [इजरायल], 31 जुलाई: इजरायली शोधकर्ताओं के अनुसार, किसी व्यक्ति का नाम उनके चेहरे की उपस्थिति को उम्र के साथ प्रभावित कर सकता है। यह खोज दिखाती है कि सामाजिक कारक शारीरिक उपस्थिति को बदलने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली होते हैं।

मुख्य निष्कर्ष

हिब्रू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रूथ मेयो ने इस शोध का नेतृत्व किया, जिसे नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की कार्यवाही में प्रकाशित किया गया। अध्ययन में पाया गया कि वयस्कों के चेहरे उनके नामों से अधिक सटीकता से मेल खाते हैं, जो बच्चों में नहीं देखा गया। यह सुझाव देता है कि किसी व्यक्ति के नाम और उनके चेहरे की उपस्थिति के बीच संगति समय के साथ सामाजिक अपेक्षाओं के कारण विकसित होती है।

प्रयोग और परिणाम

मेयो की टीम ने मानव प्रतिभागियों और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के साथ प्रयोग किए। उन्होंने पाया कि वयस्क और बच्चे दोनों वयस्क चेहरों को उनके नामों से अधिक सटीकता से मेल कर सकते हैं। हालांकि, दोनों समूह बच्चों के चेहरों को उनके नामों से अधिक सटीकता से मेल नहीं कर सके। मशीन लर्निंग विश्लेषण ने भी दिखाया कि एक ही नाम वाले वयस्कों के चेहरे की विशेषताएं अधिक समान थीं, जबकि अलग-अलग नाम वाले लोगों की तुलना में।

विकासात्मक घटना

अध्ययन से पता चलता है कि वयस्कों में देखी गई चेहरा-नाम संगति एक विकासात्मक घटना है, न कि जन्म से ही एक अंतर्निहित विशेषता। बच्चों के चेहरों की कृत्रिम रूप से वृद्ध छवियों में वह चेहरा-नाम मिलान प्रभाव नहीं देखा गया, जो वास्तविक वयस्क चेहरों में देखा गया, जिससे यह विचार मजबूत होता है कि यह संगति वास्तविक जीवन के सामाजिक और विकासात्मक प्रक्रियाओं के माध्यम से उभरती है।

सामाजिक कारकों का प्रभाव

निष्कर्ष ‘स्वयं-पूर्ति भविष्यवाणी’ की अवधारणा को उजागर करते हैं, जहां सामाजिक अपेक्षाएं सूक्ष्म रूप से शारीरिक उपस्थिति को आकार देती हैं। यह हमारे विकास पर सामाजिक कारकों के गहरे प्रभाव को रेखांकित करता है, जो व्यवहार और व्यक्तित्व लक्षणों से परे शारीरिक विशेषताओं को भी प्रभावित करता है।

मेयो और उनकी टीम अब यह पता लगाने का लक्ष्य रखती है कि नामों से जुड़ी सांस्कृतिक अपेक्षाएं और रूढ़ियाँ समय के साथ चेहरे की उपस्थिति में कैसे बदलाव ला सकती हैं।

Doubts Revealed


इजरायली शोधकर्ता -: ये इजरायल के वैज्ञानिक हैं, जो मध्य पूर्व का एक देश है, जो नई जानकारी सीखने के लिए विभिन्न चीजों का अध्ययन करते हैं।

प्रोफेसर रूथ मेयो -: वह हिब्रू विश्वविद्यालय में एक शिक्षक और शोधकर्ता हैं जिन्होंने नामों और चेहरों के बारे में अध्ययन का नेतृत्व किया।

हिब्रू विश्वविद्यालय -: यह इजरायल का एक बड़ा स्कूल है जहाँ लोग सीखने और शोध करने जाते हैं।

नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की कार्यवाही -: यह एक प्रसिद्ध पत्रिका है जहाँ वैज्ञानिक अपनी महत्वपूर्ण खोजों को प्रकाशित करते हैं।

सामाजिक अपेक्षाएँ -: ये विचार हैं कि लोगों को कैसे व्यवहार करना चाहिए या दिखना चाहिए, जो समाज के सामान्य मानकों पर आधारित होते हैं।

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