विशेषज्ञों का अनुमान: हालिया महंगाई के बावजूद जल्द घटेंगी खाद्य कीमतें

विशेषज्ञों का अनुमान: हालिया महंगाई के बावजूद जल्द घटेंगी खाद्य कीमतें

विशेषज्ञों का अनुमान: हालिया महंगाई के बावजूद जल्द घटेंगी खाद्य कीमतें

नई दिल्ली, भारत – आर्थिक विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में खाद्य महंगाई कम होगी, हालांकि जून में खाद्य महंगाई पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी होकर 8.3 प्रतिशत हो गई थी।

मानसून का खाद्य कीमतों पर प्रभाव

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने बताया कि सामान्य मानसून खाद्य महंगाई को कम करने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि जून में बारिश औसत से कम थी, लेकिन जुलाई और अगस्त की बारिश खरीफ फसल के मौसम के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। बेहतर मानसून और बढ़ी हुई बुवाई से कृषि उत्पादन में वृद्धि और खाद्य कीमतों में कमी की उम्मीद है।

सरकारी आंकड़े और विशेषज्ञों की राय

सरकारी आंकड़ों से पता चला कि अनाज, मांस, अंडे, दूध, तेल, फल, सब्जियां, दालें, चीनी, मसाले और स्नैक्स सहित विभिन्न खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई महीने-दर-महीने बढ़ी है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (ICRIER) के प्रोफेसर अशोक गुलाटी ने उत्पादकता बढ़ाने और कुशल मूल्य श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए कृषि अनुसंधान और विकास में अधिक निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया।

कोर महंगाई की चिंताएं

चौदहवें वित्त आयोग के सदस्य एम गोविंद राव ने चेतावनी दी कि खाद्य को छोड़कर कोर महंगाई अंतर्राष्ट्रीय माल ढुलाई लागत, कच्चे तेल की कीमतों और घरेलू दूरसंचार मूल्य वृद्धि के कारण बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि चार प्रतिशत महंगाई लक्ष्य को प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण रहेगा।

उद्योग की अंतर्दृष्टि

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल को उम्मीद है कि खाद्य कीमतें जल्द स्थिर हो जाएंगी, और उन्होंने अनुमान लगाया कि कुल महंगाई 4 से 4.5 प्रतिशत के बीच स्थिर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि मई में खाद्य और पेय पदार्थों की महंगाई 7.9 प्रतिशत से बढ़कर जून में 8.4 प्रतिशत हो गई, जबकि कुल महंगाई मामूली रूप से 4.8 प्रतिशत से बढ़कर 5 प्रतिशत हो गई।

भविष्य की दृष्टि

विशेषज्ञों ने खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने में खरीफ बुवाई के मौसम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव आपूर्ति श्रृंखलाओं और कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा को उम्मीद है कि नई फसलें आने और आधार प्रभाव के कारण खाद्य महंगाई में कमी आएगी। उन्होंने FY25 के लिए औसत महंगाई दर 4.8 प्रतिशत की भविष्यवाणी की और वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में आरबीआई द्वारा संभावित नीति ब्याज दर कटौती की उम्मीद जताई।

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