वसई में FDA की छापेमारी: अवैध दवा निर्माण का खुलासा
महाराष्ट्र में खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) ने गुरुवार को वसई के तीन अलग-अलग स्थानों पर महत्वपूर्ण छापेमारी की। उन्होंने पाया कि गहरवार फार्मा प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड बिना उचित लाइसेंस के दवाओं का निर्माण कर रही थी। कंपनी के पास हरियाणा का लाइसेंस था, जिसे मई 2024 में सरेंडर कर दिया गया था, लेकिन वे वसई में संचालन जारी रखे हुए थे।
FDA ने लगभग 1.41 करोड़ रुपये की आयुर्वेदिक दवाएं, कच्चे माल, पैकिंग सामग्री, लेबल और पाउच जब्त किए। ये दवाएं हरियाणा में निर्मित होनी चाहिए थीं और पंजाब के जालंधर में ओंकार फार्मा को बेची जानी थीं। हालांकि, ओंकार फार्मा वसई में संचालन कर रही थी और जालंधर के पते का उपयोग करके वहां से दवाओं का वितरण कर रही थी।
आगे की जांच में पता चला कि कुछ दवाओं पर वसई में गहरवार फार्मा प्राइवेट लिमिटेड का निर्माण पता था, जबकि उस स्थान का लाइसेंस 2022 में रद्द कर दिया गया था। मार्च 2024 और 2021 में इसी फर्म की बहन कंपनी, रुशभ मेडिसिन, में भी इसी तरह की छापेमारी की गई थी, जहां आयुर्वेदिक दवाओं में एलोपैथिक दवाएं पाई गई थीं, जिसके कारण लाइसेंस रद्द कर दिया गया था और अभियोजन चलाया गया था।
हाल की छापेमारी ड्रग्स इंस्पेक्टर योगेंद्र पोल, नितिन आहेर और कैलाश खपकर द्वारा की गई, जिसमें ठाणे, पालघर और ग्रेटर मुंबई के सहायक आयुक्तों और अन्य अधिकारियों का समर्थन था। इस ऑपरेशन का निर्देशन FDA आयुक्त अभिमन्यु काले और अन्य वरिष्ठ FDA अधिकारियों द्वारा किया गया था।
आगे की जांच जारी है, और इसके पूरा होने के बाद निर्माता के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।