सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने की याचिका सुनी

सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने की याचिका सुनी

सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने की याचिका सुनी

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ की घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति बनाने की याचिका सुनने पर सहमति जताई है, जिसमें 2 जुलाई को 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। यह याचिका वकील विशाल तिवारी द्वारा प्रस्तुत की गई थी, और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

याचिका में समिति से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय सुझाने की मांग की गई है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य से स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की भी मांग की गई है।

यह भगदड़ हाथरस, उत्तर प्रदेश में भोल बाबा, जिन्हें नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा आयोजित एक ‘सत्संग’ के दौरान हुई थी। इस कार्यक्रम में 80,000 की अनुमत सीमा से अधिक दो लाख से अधिक भक्त शामिल हुए थे।

याचिका में 1954 कुंभ मेला, 2007 मक्का मस्जिद, 2022 माता वैष्णो देवी मंदिर, 2014 पटना दशहरा उत्सव और 2011 सबरीमाला घटना सहित कई पिछली भगदड़ घटनाओं का उल्लेख किया गया है। इसमें सरकारी अधिकारियों से बेहतर प्रबंधन और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया गया है ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।

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