दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व बैंक प्रबंधक को धोखाधड़ी मामले में जमानत दी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने वरुण वशिष्ठा को जमानत दी है, जो एक महिला से 13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार थे। वशिष्ठा को 2 फरवरी, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक, विकास पुरी में महिला के खाते से पैसे निकाले। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने 12 नवंबर को जमानत दी, जिसमें 25,000 रुपये का जमानत बांड और दो जमानतदारों की आवश्यकता थी। अदालत ने कहा कि सबूत अभियोजन पक्ष के पास हैं और वशिष्ठा की हिरासत की आगे की जांच के लिए आवश्यकता नहीं है।
आरोप और जांच
वशिष्ठा पर 2019 से 2023 के बीच फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट खाते बनाने और धन का दुरुपयोग करने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने जनवरी 2024 में पाया कि उसके खाते से 12 करोड़ रुपये निकाल लिए गए थे। आरोप है कि 85 लाख रुपये एटीएम कार्ड का उपयोग करके और 1.5 करोड़ रुपये चेक के माध्यम से निकाले गए। वशिष्ठा के वकील ने तर्क दिया कि लेनदेन शिकायतकर्ता के निर्देश पर किए गए थे। अभियोजन पक्ष ने अपराध की गंभीरता और चल रही जांच का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया।
Doubts Revealed
दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली, भारत में एक बड़ा और महत्वपूर्ण न्यायालय है। यह महत्वपूर्ण कानूनी मामलों पर निर्णय लेता है और न्याय सुनिश्चित करने में मदद करता है।
जमानत -: जमानत तब होती है जब जेल में बंद व्यक्ति को उनके मुकदमे का इंतजार करते समय घर जाने की अनुमति दी जाती है। उन्हें आमतौर पर अदालत में वापस आने का वादा करना होता है।
वरुण वशिष्ठ -: वरुण वशिष्ठ एक व्यक्ति हैं जो पहले बैंक प्रबंधक के रूप में काम करते थे। उन पर बहुत सारे पैसे के साथ कुछ गलत करने का आरोप है।
₹ 13 करोड़ -: ₹ 13 करोड़ भारतीय मुद्रा में बहुत बड़ी राशि है। यह 130 मिलियन रुपये के बराबर है।
धोखाधड़ी -: धोखाधड़ी तब होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को धोखा देकर या छल करके कुछ प्राप्त करता है, आमतौर पर पैसे, अनुचित तरीके से।
आईसीआईसीआई बैंक -: आईसीआईसीआई बैंक भारत में एक बड़ा बैंक है जहां लोग अपना पैसा सुरक्षित रखते हैं। यह अपने ग्राहकों को विभिन्न वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट खाते -: फिक्स्ड डिपॉजिट खाते विशेष बैंक खाते होते हैं जहां लोग अपनी राशि एक निश्चित अवधि के लिए रखते हैं ताकि ब्याज कमा सकें। यह राशि आमतौर पर समय समाप्त होने तक नहीं छुई जाती।
अभियोजन -: अभियोजन वकीलों की वह टीम होती है जो अदालत में यह साबित करने की कोशिश करती है कि किसी ने कुछ गलत किया है। वे आरोपी व्यक्ति के खिलाफ सबूत और तर्क प्रस्तुत करते हैं।