नई दिल्ली में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन: आतंक मुक्त भारत की प्रतिबद्धता

नई दिल्ली में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन: आतंक मुक्त भारत की प्रतिबद्धता

नई दिल्ली में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन

आतंक मुक्त भारत की प्रतिबद्धता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आतंक मुक्त भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। यह बयान दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन से पहले दिया गया है।

सम्मेलन का विवरण

यह सम्मेलन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय को बढ़ाना है ताकि आतंकवाद से मुकाबला किया जा सके। यह सम्मेलन ‘पूरे सरकार’ के दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करेगा ताकि भविष्य की आतंकवाद विरोधी नीतियों और रणनीतियों को आकार दिया जा सके।

मुख्य प्रतिभागी और विषय

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी, और कानून, फॉरेंसिक और प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ शामिल होंगे। चर्चाओं में कानूनी ढांचे, अभियोजन चुनौतियों, और आतंकवाद विरोधी में उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका शामिल होगी।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

अंतरराष्ट्रीय कानूनी सहयोग और भारत में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीतियों पर भी चर्चा की जाएगी। सम्मेलन का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ समन्वित कार्रवाई के लिए हितधारकों के बीच तालमेल विकसित करना है।

Doubts Revealed


अमित शाह -: अमित शाह भारत में एक महत्वपूर्ण नेता हैं। वह केंद्रीय गृह मंत्री हैं, जिसका मतलब है कि वह देश को सुरक्षित और संरक्षित रखने में मदद करते हैं।

पीएम मोदी -: पीएम मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह भारतीय सरकार के नेता हैं और देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।

आतंकवाद विरोधी सम्मेलन -: आतंकवाद विरोधी सम्मेलन एक बैठक है जहाँ लोग आतंकवाद को रोकने के तरीकों पर चर्चा करते हैं। आतंकवाद तब होता है जब बुरे लोग दूसरों को डराने के लिए हानिकारक काम करते हैं।

नई दिल्ली -: नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह वह जगह है जहाँ कई महत्वपूर्ण सरकारी भवन और नेता स्थित हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी -: राष्ट्रीय जांच एजेंसी, या एनआईए, भारत में एक विशेष समूह है जो गंभीर अपराधों, जैसे आतंकवाद की जांच करता है, ताकि लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।

शून्य-सहनशीलता नीति -: शून्य-सहनशीलता नीति का मतलब है किसी भी बुरे व्यवहार की बिल्कुल भी अनुमति नहीं देना। इस मामले में, इसका मतलब है कि सरकार किसी भी आतंकवादी गतिविधियों की अनुमति नहीं देगी।

हितधारक -: हितधारक वे लोग या समूह होते हैं जिनकी किसी विशेष मुद्दे में रुचि होती है। इस सम्मेलन में, वे लोग हैं जो आतंकवाद को रोकने के लिए काम करते हैं।

कानूनी ढांचे -: कानूनी ढांचे वे नियम और कानून होते हैं जो चीजों को निष्पक्ष और सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। वे आतंकवादियों को पकड़ने और सजा देने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

अभियोजन चुनौतियाँ -: अभियोजन चुनौतियाँ वे कठिनाइयाँ होती हैं जो किसी को अदालत में गलत साबित करने की कोशिश करते समय आती हैं। आतंकवादियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाना कठिन हो सकता है।

उभरती प्रौद्योगिकियाँ -: उभरती प्रौद्योगिकियाँ नए उपकरण और आविष्कार होते हैं जो विकसित हो रहे हैं। वे आतंकवादियों को खोजने और रोकने में मदद कर सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग -: अंतरराष्ट्रीय सहयोग का मतलब है देशों का एक साथ काम करना। यह आतंकवाद को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आतंकवादी अलग-अलग देशों में हो सकते हैं।

आतंकवादी नेटवर्क -: आतंकवादी नेटवर्क लोगों के समूह होते हैं जो मिलकर बुरे कामों की योजना बनाते और करते हैं। सम्मेलन का उद्देश्य इन समूहों को तोड़ने के तरीकों को खोजना है।

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