कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर मैसूरु भूमि घोटाले की जांच
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को मैसूरु में लोकायुक्त पुलिस के सामने पेश होना है। यह जांच मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े कथित अनियमितताओं के मामले में हो रही है। 27 सितंबर को अदालत के आदेश के बाद यह जांच शुरू हुई, जिसमें सिद्दारमैया की पत्नी, पार्वती को 14 साइट्स के अवैध आवंटन का आरोप है, जिनकी कीमत 56 करोड़ रुपये है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले की सक्रियता से जांच कर रहा है और मैंगलोर, बेंगलुरु, मांड्या और मैसूरु में छापेमारी कर चुका है। ED ने MUDA के छह कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है और सिद्दारमैया व अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है, जिसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) का उपयोग किया गया है।
सिद्दारमैया ने इन आरोपों को राजनीतिक उत्पीड़न बताते हुए खारिज कर दिया है और बीजेपी के दबाव के बावजूद इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सिद्दारमैया और अन्य को नोटिस जारी कर जांच के स्थानांतरण की मांग की है। अदालत ने लोकायुक्त पुलिस से 25 नवंबर तक अपनी जांच का विवरण देने को कहा है, और अगली सुनवाई 26 नवंबर को निर्धारित की गई है।
Doubts Revealed
कर्नाटक मुख्यमंत्री -: मुख्यमंत्री भारतीय राज्य कर्नाटक में सरकार के प्रमुख होते हैं। सिद्धारमैया वर्तमान में इस पद को धारण करने वाले व्यक्ति हैं।
मैसूरु भूमि घोटाला -: घोटाला तब होता है जब कोई व्यक्ति पैसे या लाभ प्राप्त करने के लिए बेईमानी करता है। मैसूरु भूमि घोटाला मैसूरु, कर्नाटक में भूमि वितरण से संबंधित अवैध गतिविधियों के आरोपों को शामिल करता है।
मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) -: MUDA एक सरकारी संगठन है जो मैसूरु में शहरी क्षेत्रों की योजना और विकास के लिए जिम्मेदार है, जिसमें भूमि आवंटन का प्रबंधन शामिल है।
लोकायुक्त -: लोकायुक्त भारत में एक भ्रष्टाचार विरोधी प्राधिकरण है जो सार्वजनिक अधिकारियों और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों की जांच करता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) -: ED भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघनों से संबंधित कानूनों को लागू करती है।
मनी लॉन्ड्रिंग -: मनी लॉन्ड्रिंग अवैध पैसे को वैध दिखाने की प्रक्रिया है जिसमें इसके वास्तविक स्रोत को छिपाया जाता है।
राजनीतिक उत्पीड़न -: राजनीतिक उत्पीड़न तब होता है जब किसी को उनके राजनीतिक विश्वासों या कार्यों के कारण अनुचित रूप से निशाना बनाया जाता है या परेशान किया जाता है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय -: कर्नाटक उच्च न्यायालय कर्नाटक राज्य में सर्वोच्च न्यायिक प्राधिकरण है, जो कानूनी मामलों से निपटता है और जांच के लिए आदेश जारी करता है।