बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया
सोमवार को बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के झारखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। खंडेलवाल ने भारत जैसे विविधता वाले देश में UCC की महत्ता पर जोर दिया और इसके देशव्यापी कार्यान्वयन की वकालत की।
अमित शाह की घोषणा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड में UCC लागू करने की बीजेपी की योजना की घोषणा की, जिसमें आदिवासी समुदायों की पहचान और विरासत को संरक्षित करने का आश्वासन दिया गया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय UCC के दायरे से बाहर रहेगा।
चुनावी घोषणापत्र की मुख्य बातें
UCC प्रस्ताव बीजेपी के 2024 के आम चुनाव के घोषणापत्र का हिस्सा है। UCC का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति अधिकार जैसे व्यक्तिगत मामलों के लिए समान नियम स्थापित करना है, चाहे उनका धर्म, लिंग या यौन अभिविन्यास कुछ भी हो।
अन्य वादे
अमित शाह ने झारखंड से बांग्लादेशी घुसपैठियों को हटाने और आदिवासी समुदायों को कब्जा की गई भूमि वापस करने का भी वादा किया। उन्होंने हेमंत सोरेन पर राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
आगामी चुनाव
झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को होंगे, और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
Doubts Revealed
बीजेपी -: बीजेपी का मतलब भारतीय जनता पार्टी है, जो भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है। यह अपनी राष्ट्रवादी नीतियों के लिए जानी जाती है और वर्तमान में भारत में सत्तारूढ़ पार्टी है।
सांसद -: सांसद का मतलब संसद सदस्य है। भारत में, एक सांसद वह व्यक्ति होता है जिसे संसद में किसी विशेष क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है।
प्रवीण खंडेलवाल -: प्रवीण खंडेलवाल एक राजनीतिज्ञ और बीजेपी के सांसद हैं। वह झारखंड में समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन का समर्थन करते हैं।
अमित शाह -: अमित शाह भारत के केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। वह देश में आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) -: समान नागरिक संहिता एक प्रस्ताव है जिसमें भारत के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का सेट हो, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। इसका उद्देश्य भारत के प्रमुख धार्मिक समुदायों की शास्त्रों और रीति-रिवाजों पर आधारित व्यक्तिगत कानूनों को बदलना है।
झारखंड -: झारखंड पूर्वी भारत का एक राज्य है जो अपने समृद्ध खनिज संसाधनों और विविध जनजातीय संस्कृति के लिए जाना जाता है। यह उन राज्यों में से एक है जहां बीजेपी समान नागरिक संहिता लागू करना चाहती है।
जनजातीय समुदाय -: जनजातीय समुदाय वे समूह हैं जो अपनी अनूठी संस्कृतियों और परंपराओं के साथ स्वदेशी लोग होते हैं। भारत में, इन्हें अक्सर ‘आदिवासी’ कहा जाता है और इन्हें कानून के तहत विशेष सुरक्षा प्राप्त है।
बांग्लादेशी घुसपैठिए -: बांग्लादेशी घुसपैठिए उन लोगों को संदर्भित करते हैं जो बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करते हैं। बीजेपी ने ऐसे अवैध आव्रजन के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है।
हेमंत सोरेन -: हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के नेता हैं। उन्हें बीजेपी द्वारा राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रयास न करने के लिए आलोचना की गई है।
चुनावी घोषणा पत्र -: चुनावी घोषणा पत्र एक दस्तावेज होता है जिसे राजनीतिक पार्टियां चुनावों से पहले जारी करती हैं, जिसमें उनके सत्ता में आने पर योजनाएं और वादे होते हैं। बीजेपी के घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता का कार्यान्वयन शामिल है।
झारखंड चुनाव -: झारखंड चुनाव 13 और 20 नवंबर को होने वाले हैं। ये महत्वपूर्ण चुनाव हैं जहां लोग राज्य सरकार में अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए मतदान करेंगे।