प्रवर्तन निदेशालय ने यूनिटेक और सहाना बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई की

प्रवर्तन निदेशालय ने यूनिटेक और सहाना बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई की

प्रवर्तन निदेशालय ने यूनिटेक और सहाना बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई की

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूनिटेक इंटरनेशनल रियल्टी फंड और सहाना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड की क्रमशः 319 करोड़ रुपये और 16 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है।

जब्त की गई संपत्तियों का विवरण

जब्त की गई संपत्तियों में आगरा, वाराणसी, मोहाली और चेन्नई में भूमि अधिकार शामिल हैं, जिनकी कीमत 319 करोड़ रुपये है और ये यूनिटेक इंटरनेशनल रियल्टी फंड से जुड़ी हैं। इसके अलावा, यूनिटेक लिमिटेड द्वारा सहाना बिल्डर्स को स्थानांतरित किए गए 16 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट भी जब्त किए गए हैं।

जांच की पृष्ठभूमि

यह जांच दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा यूनिटेक लिमिटेड के खिलाफ रिपोर्टों के बाद शुरू हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग और संबंधित मुद्दों की गहन जांच का आदेश दिया था।

जांच के निष्कर्ष

ED ने पाया कि यूनिटेक ग्रुप के चंद्रा परिवार ने सहयोगियों के साथ मिलकर घर खरीदारों, निवेशकों और बैंकों से 7,612 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि को डायवर्ट किया। यूनिटेक इंटरनेशनल रियल्टी फंड का उपयोग इन धनराशियों को व्यक्तिगत कंपनियों जैसे ऑरम एसेट मैनेजमेंट और यूनिवेल लिमिटेड के माध्यम से चैनल करने के लिए किया गया।

जारी जांच और जब्ती

अब तक, 47 तलाशी ली गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप 19 प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किए गए हैं। कुल 1,288 संपत्तियां, घरेलू और विदेशी, जिनकी कीमत 1,593.36 करोड़ रुपये है, जब्त की गई हैं। इनमें कार्नौस्टी ग्रुप, शिवालिक ग्रुप, त्रिकर ग्रुप और अन्य की संपत्तियां शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट को आठ स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई हैं।

Doubts Revealed


प्रवर्तन निदेशालय -: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो वित्तीय अपराधों जैसे मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघनों की जांच करती है। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि लोग और कंपनियां पैसे के नियमों का पालन करें।

यूनिटेक इंटरनेशनल रियल्टी फंड -: यूनिटेक इंटरनेशनल रियल्टी फंड यूनिटेक ग्रुप का हिस्सा है, जो एक कंपनी है जो रियल एस्टेट और निर्माण में शामिल है। वे घरों और कार्यालयों जैसी संपत्तियों का निर्माण और बिक्री करते हैं।

सहाना बिल्डर्स -: सहाना बिल्डर्स भारत में एक निर्माण कंपनी है। वे घरों और वाणिज्यिक भवनों जैसी निर्माण परियोजनाओं में शामिल हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम -: मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम भारत में एक कानून है जो लोगों को अवैध पैसे छिपाने से रोकने में मदद करता है। यह सरकार को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देता है जो अवैध पैसे को वैध दिखाने की कोशिश करते हैं।

सीबीआई -: सीबीआई का मतलब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन है, जो भारत की मुख्य जांच एजेंसी है। वे भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी जैसे गंभीर अपराधों की जांच करते हैं।

चंद्र परिवार -: चंद्र परिवार यूनिटेक ग्रुप से जुड़ा है, जो भारत में एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है। उन्हें अवैध वित्तीय गतिविधियों के लिए जांचा गया है।

अस्थायी संलग्न आदेश -: अस्थायी संलग्न आदेश कानूनी कार्रवाइयाँ हैं जो अधिकारियों द्वारा संपत्तियों या संपत्तियों को अस्थायी रूप से नियंत्रण में लेने के लिए की जाती हैं। यह जांच के दौरान उन्हें बेचे जाने या छिपाए जाने से रोकने के लिए किया जाता है।

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