दिल्ली कोर्ट ने रूपेश बत्रा को जमानत दी, विदेशी मुद्रा मामले में आरोपित

दिल्ली कोर्ट ने रूपेश बत्रा को जमानत दी, विदेशी मुद्रा मामले में आरोपित

दिल्ली कोर्ट ने रूपेश बत्रा को जमानत दी

मामले की पृष्ठभूमि

दिल्ली की एक अदालत ने रूपेश बत्रा को जमानत दी है, जिन पर शेल कंपनियों से जुड़े 53 खातों के माध्यम से 328,22,70,844 रुपये की विदेशी मुद्रा अवैध रूप से प्राप्त करने का आरोप था। यह धनराशि कथित रूप से छिपे तरीके से विदेश भेजी गई थी।

कोर्ट का निर्णय

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अपर्णा स्वामी ने रूपेश बत्रा को जमानत दी, जो 17 अगस्त 2023 से हिरासत में थे। अदालत ने कहा कि मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और इसमें 80 गवाहों और 30,000 पृष्ठों के दस्तावेजों सहित व्यापक सबूत शामिल हैं।

जमानत की शर्तें

जमानत 10 लाख रुपये के जमानत बांड और दो समान राशि की जमानतों के साथ दी गई। अदालत ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की चिंताओं को खारिज कर दिया, क्योंकि सबूत ज्यादातर दस्तावेजी थे और पहले ही जब्त किए जा चुके थे।

आरोप और जांच

यह मामला 1 अक्टूबर 2021 को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया कि रूपेश बत्रा और अन्य एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा थे जो धोखाधड़ी के माध्यम से विदेशी मुद्रा विदेश भेज रहे थे, जो भारत की आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा है।

कथित योजना का विवरण

जांच में फर्जी आईडी का उपयोग करके शेल कंपनियों और बैंक खातों के निर्माण का खुलासा हुआ। जाली आयात दस्तावेजों का उपयोग करके धन विदेश भेजा गया। अशिष वर्मा के नाम पर यस बैंक खाते का उपयोग झूठे बहाने से बाहर भेजने के लिए किया गया।

आगे की प्रगति

दीपक कौशिक के परिसर में तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरण और दस्तावेज बरामद हुए। ईडी ने 20 शेल संस्थाओं और 52 बैंक खातों की पहचान की जो विदेशी मुद्रा प्राप्त करने के लिए उपयोग किए गए थे। जांच में मोहन मदान और पवन ठाकुर की भी संलिप्तता का पता चला, जो सीमा पार प्रेषण के लिए संस्थाएं स्थापित कर रहे थे।

Doubts Revealed


जमानत -: जमानत तब होती है जब एक व्यक्ति जिसे गिरफ्तार किया गया है, उसे उनके मुकदमे तक घर जाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन उन्हें अदालत में वापस आने का वादा करना होता है जब कहा जाए।

विदेशी मुद्रा -: विदेशी मुद्रा अन्य देशों से पैसा होता है। लोग इसे तब उपयोग करते हैं जब वे यात्रा करते हैं या अन्य देशों के साथ व्यापार करते हैं।

शेल कंपनियाँ -: शेल कंपनियाँ वे व्यवसाय होते हैं जो केवल कागज पर मौजूद होते हैं और कोई वास्तविक काम नहीं करते। इन्हें अक्सर पैसे छिपाने या करों से बचने के लिए उपयोग किया जाता है।

भारतीय दंड संहिता -: भारतीय दंड संहिता भारत में कानूनों का एक सेट है जो बताता है कि कौन से कार्य अपराध हैं और उन अपराधों के लिए दंड क्या हैं।

आर्थिक सुरक्षा -: आर्थिक सुरक्षा का मतलब है कि एक देश में एक स्थिर और सुरक्षित वित्तीय प्रणाली हो, ताकि लोग विश्वास कर सकें कि उनका पैसा और नौकरियाँ सुरक्षित हैं।

प्रेषण -: प्रेषण वह पैसा होता है जो लोग अपने परिवार या दोस्तों को दूसरे देश में भेजते हैं, आमतौर पर उनकी जीवन यापन की खर्चों में मदद करने के लिए।

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