मेधा पाटकर की मानहानि मामले में अपील की सुनवाई स्थगित

मेधा पाटकर की मानहानि मामले में अपील की सुनवाई स्थगित

मेधा पाटकर की अपील की सुनवाई स्थगित

पृष्ठभूमि

मेधा पाटकर, एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, 24 साल पुराने मानहानि मामले में कानूनी लड़ाई में शामिल हैं। यह मामला दिल्ली के वर्तमान उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दायर किया गया था।

हालिया अदालती कार्यवाही

हाल ही में शुक्रवार को, दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पाटकर की अपील की सुनवाई स्थगित कर दी। यह अपील उनके दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने दोनों पक्षों की आंशिक दलीलें सुनने के बाद सुनवाई को 14 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

प्रस्तुत दलीलें

मेधा पाटकर की ओर से अधिवक्ता श्रीदेवी ने प्रतिनिधित्व किया, जबकि वीके सक्सेना की ओर से अधिवक्ता गजिंदर कुमार और चंद्रशेखर उपस्थित हुए। सक्सेना के वकील ने तर्क दिया कि पाटकर की अपील को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह उनके द्वारा हस्ताक्षरित नहीं थी और इसमें एक झूठा हलफनामा शामिल था। उन्होंने अदालत से पाटकर को आत्मसमर्पण करने के लिए भी कहा।

पाटकर का बचाव

पाटकर की ओर से तर्क दिया गया कि अपील उनके निर्देशों के तहत तैयार की गई थी और उन्होंने अंतिम मसौदे पर हस्ताक्षर किए थे। अदालत ने पाटकर से कहा है कि वह अपने व्यक्तिगत ईमेल से अपील की एक ई-कॉपी अदालत के आधिकारिक ईमेल पर सात दिनों के भीतर भेजें ताकि किसी भी भ्रम को दूर किया जा सके।

पिछला अदालती निर्णय

जुलाई में, साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर को पांच महीने की जेल की सजा सुनाई थी और वीके सक्सेना को मानहानि के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था।

Doubts Revealed


मेधा पाटकर -: मेधा पाटकर भारत में एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह नर्मदा बचाओ आंदोलन के लिए प्रसिद्ध हैं, जो नर्मदा नदी पर बांधों के निर्माण से प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक आंदोलन है।

मानहानि मामला -: मानहानि मामला एक कानूनी कार्रवाई है जब कोई व्यक्ति मानता है कि उसकी प्रतिष्ठा को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किए गए झूठे बयानों से नुकसान पहुंचा है। इस मामले में, वीके सक्सेना ने मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया।

वीके सक्सेना -: वीके सक्सेना एक भारतीय सार्वजनिक व्यक्ति हैं जिन्होंने मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया। वह विभिन्न सार्वजनिक और कानूनी मामलों में अपनी भागीदारी के लिए जाने जाते हैं।

साकेत कोर्ट -: साकेत कोर्ट दिल्ली, भारत में स्थित एक जिला अदालत है। यह विभिन्न कानूनी मामलों को संभालती है, जिनमें नागरिक और आपराधिक मामले शामिल हैं।

स्थगित -: जब एक अदालत की सुनवाई स्थगित की जाती है, तो इसका मतलब है कि सुनवाई को बाद की तारीख के लिए टाल दिया गया है। इस मामले में, सुनवाई को 14 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

हलफनामा -: हलफनामा एक लिखित बयान है जो शपथ के तहत दिया जाता है और अदालत में सबूत के रूप में उपयोग किया जाता है। इस मामले में, मेधा पाटकर की अपील में एक झूठे हलफनामे का मुद्दा था।

रु. 10 लाख -: रु. 10 लाख एक धनराशि है जो 1,000,000 भारतीय रुपये के बराबर है। यह एक जुर्माना है जो मेधा पाटकर को उनकी सजा के हिस्से के रूप में भुगतान करने का आदेश दिया गया था।

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