अखिलेश यादव ने मदरसा फंडिंग पर बीजेपी की आलोचना की
पृष्ठभूमि
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना की है। यह प्रतिक्रिया राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की सिफारिश के बाद आई है, जिसमें मदरसों और मदरसा बोर्डों के लिए राज्य फंडिंग को रोकने की बात कही गई है।
यादव के आरोप
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर भेदभावपूर्ण राजनीति करने का आरोप लगाया, जो समाज में नफरत फैलाती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी शैक्षणिक संस्थानों, जैसे मदरसों और संस्कृत स्कूलों, को नियंत्रित करना चाहती है, बजाय इसके कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करे। यादव ने जोर देकर कहा कि संविधान सभी नागरिकों को अधिकार देता है, और उनका मानना है कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति लंबे समय तक नहीं टिकेगी।
NCPCR की रिपोर्ट
पहले, NCPCR के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने नौ साल के अध्ययन के निष्कर्षों का खुलासा किया, जिसमें बताया गया कि 1.25 करोड़ बच्चे बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं। रिपोर्ट, “Guardians of Faith or Oppressors of Rights,” में मदरसों की भूमिका को बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों के उल्लंघन के रूप में उजागर किया गया है। कानूनगो ने कहा कि मदरसे अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर रहे हैं और उनकी फंडिंग रोकने और मदरसा बोर्डों को भंग करने की सिफारिश की।
सिफारिशें
NCPCR की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि मदरसों के लिए राज्य फंडिंग बंद कर दी जाए और मदरसा बोर्डों को बंद कर दिया जाए। यह भी सिफारिश की गई है कि गैर-मुस्लिम बच्चों को औपचारिक स्कूलों में स्थानांतरित किया जाए और मुस्लिम बच्चों को RTE अधिनियम, 2009 के अनुसार शिक्षा दी जाए। ये सिफारिशें संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा कर रही हैं।
Doubts Revealed
अखिलेश यादव -: अखिलेश यादव भारत में एक राजनेता हैं और समाजवादी पार्टी के नेता हैं, जो उत्तर प्रदेश राज्य की एक राजनीतिक पार्टी है।
बीजेपी -: बीजेपी का मतलब भारतीय जनता पार्टी है, जो भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है। यह वर्तमान में केंद्रीय सरकार में सत्तारूढ़ पार्टी है।
एनसीपीसीआर -: एनसीपीसीआर का मतलब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग है। यह भारत में एक संगठन है जो बच्चों के अधिकारों की रक्षा और प्रचार करता है।
मदरसा -: मदरसा भारत में एक प्रकार की शैक्षणिक संस्था है जहाँ बच्चे, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय से, धार्मिक शिक्षाओं और कभी-कभी अन्य विषयों के बारे में सीखते हैं।
प्रियंक कानूनगो -: प्रियंक कानूनगो एनसीपीसीआर के अध्यक्ष हैं, जो भारत में बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करने वाला संगठन है।
सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत की सर्वोच्च न्यायिक अदालत है। यह कानूनी मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लेती है जो पूरे देश को प्रभावित करते हैं।